'पिछले साल रणजी फाइनल में मिली हार से मुंबई को प्रेरणा मिलेगी'- सीजन की शुरुआत से पहले अमोल मजूमदार - क्रिकट्रैकर हिंदी

‘पिछले साल रणजी फाइनल में मिली हार से मुंबई को प्रेरणा मिलेगी’- सीजन की शुरुआत से पहले अमोल मजूमदार

रणजी ट्राॅफी के पहले मैच में मुंबई आंध्रप्रदेश का सामना कर रही है।

Amol Muzumdar (Image Credit- Twitter)
Amol Muzumdar (Image Credit- Twitter)

पूर्व खिलाड़ी अमोल मजूमदार चीजों को सरल रखना पसंद करते थे, चाहे वह उनके खेलने के दिनों में हो या कमेंट्री के दौरान, इसके अलावा कोच बनने के बाद से वह उसी सिद्धांत पर कायम हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि रणजी सीजन की शुरूआत से पहले मुंबई टीम की तैयारियों को लेकर उनके दिए बयान से ऐसा ही प्रतीत होता है।

बता दें कि आज 13 दिसंबर से रणजी ट्राॅफी के नए सत्र की शुरूआत हो चुकी है। वहीं अपने पहले मैच में मुंबई आंध्रप्रदेश का सामना कर रही है। गौरतलब है कि रणजी ट्राॅफी के पिछले सीजन के फाइनल में मुंबई को मध्यप्रदेश ने हराया था। तो इसके बाद टीम ने सैयद मुश्ताक अली ट्राॅफी को अपने नाम किया था तो वहीं विजय हजारे ट्राॅफी के फाइनल में टीम सौराष्ट्र से हार गई थी।

रणजी के नए सत्र के लिए एकदम तैयार है मुंबई

लेकिन रणजी सीजन के लिए टीम की तैयारियों को लेकर मुंबई के कोच अमोल मजूमदार काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि पिछले साल रणजी फाइनल में मिली हार से मुंबई को प्रेरणा मिलेगी और इस बार टीम काफी अच्छा करने जा रही है।

बता दें कि इस बार मुंबई 42वें रणजी खिताब को जीतने के इरादे से मैदान पर उतर रही है। तो वहीं टीम की तैयारी, अपनी कोचिंग शैली और युवा खिलाड़ियों को संभालने को लेकर कोच अमोल मजूमदार ने बड़ा बयान दिया है।

क्या आप इस सीजन में टीम की जर्नी के बारे में बात कर सकते हैं?

तैयारी वाकई शानदार है। सच कहूं तो सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जीतना एक ऐतिहासिक जीत थी क्योंकि हमने वह टूर्नामेंट कभी नहीं जीता था। टी-20 क्रिकेट को खेलने के लिए टीम का प्रयास बेहतर था। मुझे वास्तव में इस टीम पर गर्व है।

सितंबर में शुरूआत के बाद से टीम के खिलाड़ियों, सहयोगी स्टाफ, चयनकर्ताओं और प्रशासकों ने शानदार काम किया, सबका संयुक्त प्रयास था, जिसका परिणाम हमें सैयद मुश्ताक अली के रूप में मिला। इसके अलावा मैं विजय हजारे ट्रॉफी के मामले में बहाना नहीं बनाना चाहता लेकिन मुश्ताक अली ट्राॅफी के बाद हमारे पास पर्याप्त समय नहीं था लेकिन फिर भी हमने प्री-क्वार्टर फाइनल में जगह बना ली थी।

क्या आप उन कारणों के बारे में बताएंगे जिन्होंने शानदार परिणाम दिलवाने में मदद की?

मेरे स्वभाव में हमेशा से रहा है कि आपको टीम के मूल को एक साथ रखने की जरूरत है। हम हमेशा बदलाव कर नहीं कर सकते। लेकिन वहीं अगर टीम का कोर मजबूत और यह एक साथ है तो यह मदद करता है। टूर्नामेंटों की जरूरतों के अनुसार हम वहां और यहां कुछ बदलाव कर सकते हैं। हमारा कोर मजबूत है बस हमें कुछ समय साथ खेलना है और जहां तक संयोजन का सवाल है तो ये शानदार हैं।

युवाओं से भरी टीम को निर्देशित करना कठिन है या आसान?

अमोल मजूमदार ने इस सवाल का जबाव देते हुए कहा, एक युवा को समझने से पहले, आपको एक युवा बनना पड़ेगा। जब मुझे जरूरत होती है तो मैं दखल देता हूं पर खिलाड़ियों के पास खुद को व्यक्त करने की स्वतंत्रता होती है। मेरा हमेशा से यह ख्याल रहा है कि आपको स्वतंत्रता मिलनी चाहिए लेकिन आपको युवाओं पर विश्वास करने की जरूरत है।

जब आप खिलाड़ी थे तब से आपकी कोचिंग कैस विकसित हुई?

यह बहुत आसान है। आपको बहुत सारे खिलाड़ियों को संभालना पड़ता है, लेकिन उस समय मैं उनके साथ का आनंद लेता हूं। मुझे लगता है कि कोचिंग की मूल बात यह है कि आपको अपने समय का आनंद लेने की जरूरत है। जब आप मैदान पर कदम रखते हैं तो आपको यह सोचना होता है कि वहां क्या हो रहा है और शायद मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ है।

लेकिन मैंने रमाकांत आचरेकर सर के दौर में काफी कुछ सीखा है। मैंने अपने खेल के दिनों में आचरेकर सर से जो सीखा था, मैं वो बस इन खिलाड़ियों को देने की कोशिश कर रहा हूं। यह मेरा काम है। मैं खिलाड़ियों की मदद करने की पूरी कोशिश कर रहा हूं।

तकनीक और डाटा विश्लेषण का आपकी कोचिंग में कितना हिस्सा हैं?

हालांकि यह आज के समय में कोचिंग का हिस्सा है लेकिन अंत में यह एक टूल है। मुझे इसकी ओर झुकाव और इसे लत लगाना पसंद नहीं है। क्योंकि जो आप देखते हैं उसी में मैं विश्वास करता हूं। वहीं कुछ समय आंकड़े ऐसे नहीं होते जो आप एक खिलाड़ी में देखना चाहते हैं। हां, निश्चित रूप से, यह आपको इस बारे में बता सकता है कि क्या चल रहा है।

मैं इसका प्रयोग करता हूं और मुझे लगता है कि खिलाड़ी को भी इसे देखने की जरूरत है तो मैं इसे खिलाड़ी को दिखाता हूं। पर मैं इस पर ज्याद निर्भर नहीं होना चाहता लेकिन आपको इसे बहुत ही सावधानी और दिमागी रूप से इस्तेमाल करने की जरूरत हैं।

रणजी ट्रॉफी के पिछले सीजन में फाइनल में मिली हार मुश्किल रही होगी। नए सीजन के लिए टीम कितनी उत्साहित है?

वह समय चला गया है और वह अब इतिहास है। इस हार से कई खिलाड़ी परेशान हुए थे, मैंने इसे ड्रेसिंग रूम में देखा है। नए सीजन में पिछले साल रणजी फाइनल में मिली हार से मुंबई को प्रेरणा मिलेगी और इसमें कोई संदेह नहीं है।

अजिंक्य रहाणे जैसे अनुभवी खिलाड़ी का नेतृत्व करना कितना फायदेमंद है?

अजिंक्य एक शानदार कप्तान रहे हैं। मैदान पर वह हमेशा अपना 110 प्रतिशत देते हैं और इससे मेरा काम काफी आसान हो जाता है। वह हमेशा युवाओं को अपनी भावनाओं को काबू में रखने में मदद करते हैं। वह सभी युवा खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा हैं, वह एक नेता हैं।

क्या यह आचरेकर सर के लिए सुरक्षित है जब आपने कोचिंग लेने का फैसला किया तो आप प्रेरणा थे?

बिल्कुल, स्वर्गीय वासु परांजपे, अन्ना वैद्य जैसे अन्य लोग भी हैं, वे उन दिग्गजों में से हैं जिन्होंने मुंबई टीम के लिए कोचिंग की भूमिका निभाई है। मुझे लगता है आप जानते हैं कि सभी महत्वपूर्ण है।

लेकिन मुझे लगता है कि आचरेकर सर मेरे बहुत करीब थे। मुझे लगता है कि वे मेरे गो टू परसन थे। वे आज नहीं है लेकिन उनके कोचिंग तरीकों से मैं आज भी सीखता हूं। मुझे लगता है यह कोचिंग करने और मुंबई क्रिकेट को वापस लौटाने  का सही समय था। यह हमेशा मेरा थाॅट प्रोसेस रहा है, अब मैं इसका पूरा आनंद ले रहा हूं।

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