BCCI ने लिया अंपायरों का ऐसा एग्जाम की 140 में से 137 हो गए फेल
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने पिछले महीने अंपायरों की भर्ती के लिए एग्जाम कराए थे।
अद्यतन - अगस्त 19, 2022 2:51 अपराह्न

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने हाल ही में लेवल 2 अंपायरिंग के लिए एक परीक्षा का आयोजन करवाया था। इस परीक्षा में कुल 140 कैंडिडेट थे जिसमें से सिर्फ 3 ही पास हो पाए। सभी पास हुए अंपायर अब ग्रुप डी महिला और जूनियर मैचों में अंपायरिंग करने के पात्र होंगे।
बता दें कि ये टेस्ट कुल 200 अंकों का था, इसके लिए कट ऑफ 90 अंक था. इस टेस्ट में 100 अंक का लिखित एग्जाम, 35 अंक का वाइवा और वीडियो, इसके अलावा 30 अंक फिजिकल टेस्ट के थे। कोरोना महामारी के बाद पहली बार सभी कैंडिडेट का फिजिकल टेस्ट लिया गया था। वीडियो टेस्ट में मैच की फुटेज और विशिष्ट परिस्थितियों में अंपायरिंग पर सवाल शामिल थे।
अधिकांश उम्मीदवारों ने प्रैक्टिकल परीक्षा में काफी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन लिखित परीक्षा में कुछ प्रश्न उनमें से अधिकांश के लिए बहुत मुश्किल थे। द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश उम्मीदवारों ने प्रैक्टिकल में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन लिखित परीक्षा को पास नहीं कर सके क्योंकि 140 में से केवल 3 उम्मीदवार ही परीक्षा पास कर सके और अगले स्तर तक आगे बढ़ सके।
अंपायरिंग के लिखित परीक्षा में पूछे गए कुछ सवाल
1) अगर पवेलियन के किसी हिस्से की परछाई, पेड़ या खिलाड़ी की परछाई पिच पर पड़ती है और बल्लेबाज आपसे शिकायत करे तो आप क्या करेंगे?
जवाब: पवेलियन या पेड़ की परछाई का संज्ञान नहीं लिया जा सकता है। खिलाड़ी को स्थिर रहने के लिए कहा जा सकता है, नहीं तो अंपायर को डेड बॉल घोषित करने का आधिकार है।
2) आपको लगता है कि गेंदबाज की चोट सही है और अगर पट्टी हटाते हैं तो खून निकलने की आशंका है। इसके बाद भी क्या आप गेंदबाज को टेप हटाकर गेंदबाजी करने के लिए कहेंगे?
जवाब: अगर गेंदबाज को गेंदबाजी करनी है तो टेप हटाना जरूरी है।
3) बल्लेबाज ने कोई शॉट खेला और बॉल शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर के हेलमेट में अटक गई। गेंद की वजह से हेलमेट गिर गया, लेकिन बॉल के जमीन पर गिरने से पहले फील्डर ने उसे कैच कर लिया। क्या बल्लेबाज को कैच आउट देंगे?
जवाब: बल्लेबाज को नॉट आउट दिया जाएगा।
इस बीच बीसीसीआई के एक अधिकारी ने परीक्षा को लेकर कहा कि, ‘परीक्षा मुश्किल थी लेकिन हम इसकी गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं। अगर आगे आप नेशनल और इंटरनेशनल मैचों में अंपायरिंग करना चाहते हैं तो वहां गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती है। अंपायर के पास खेल की समझ, नियमों का पूरा ज्ञान होना जरूरी है।