बेन स्टोक्स ने 'सॉफ्ट सिग्नल' नियम को हटाने की मांग की - क्रिकट्रैकर हिंदी

बेन स्टोक्स ने ‘सॉफ्ट सिग्नल’ नियम को हटाने की मांग की

बटलर और रोसौव के केस में कोई "सॉफ्ट सिग्नल" नहीं था!

Ben Stokes. (Photo by Matt Roberts/Getty Images for Cricket Australia)
Ben Stokes. (Photo by Matt Roberts/Getty Images for Cricket Australia)

इंग्लैंड के स्टार ऑलराउंडर और टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने क्रिकेट के एक नियम को हटाने की मांग की है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में इंग्लैंड की 58 रनों की हार के बाद बेन स्टोक्स ने ‘सॉफ्ट सिग्नल’ नियम को समाप्त करने की मांग कर दी है।

दरअसल, दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज रिले रोसौव जोस बटलर द्वारा कैच लपके जाने के बाद भी आउट होने से बच गए, जिसके चलते बेन स्टोक्स ने ‘सॉफ्ट सिग्नल’ नियम को खत्म करने का आह्वान किया है। रिले रोसौव ने 55 गेंदों में 96 रनों की शानदार पारी खेली और अपनी टीम को जीत दिलाई, लेकिन इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर का मानना था कि उन्हें 37 रन पर आउट होना चाहिए था।

आखिर माजरा क्या है?

हुआ यूं कि इंग्लैंड के स्टार विकेटकीपर जोस बटलर को लगा कि उन्होंने गोता लगाते हुए रिले रोसौव द्वारा लेग साइड पर खेली गई क्रिस जॉर्डन की गेंद को सफलतापूर्वक पकड़ लिया है, लेकिन मैदानी अंपायर ने दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज को नॉट-आउट दिया, जिसके बाद मेजबान टीम के कप्तान ने रिव्यु लेने का फैसला किया।

वैसे तो देखने में ऐसा लग रहा था जैसे जोस बटलर ने क्लीन कैच लपका हो, लेकिन जब रीप्ले की गति धीमी हुई, तो गेंद उछलती हुई दिखाई दी, जब इंग्लैंड के विकेटकीपर गेंद को पकड़ रहे थे। नतीजतन, तीसरे अंपायर ने रिले रोसौव को नॉट आउट दिया, और वह मेहमान टीम के लिए मैच जिताऊ पारी खेल गए।

रिले रोसौव के विवादित कैच पर बेन स्टोक्स ने दी प्रतिक्रिया

हालांकि, बेन स्टोक्स ने तीसरे अंपायर के फैसले पर अपनी राय नहीं दी, लेकिन इस तथ्य पर ध्यान आकर्षित किया कि तीसरे अंपायर ने ऑन-फील्ड अंपायरों के ‘सॉफ्ट सिग्नल’ से प्रभावित हुए बिना अपना निर्णय लिया। स्टोक्स ने ट्विटर पर लिखा: “ओह तीसरा अंपायर बिना सॉफ्ट सिग्नल के फैसला करता है..तो क्या अब हम सॉफ्ट सिग्नल से छुटकारा पा सकते हैं….प्लीज!”

आपको बता दें, आमतौर पर इस तरह के कैच की समीक्षा अंपायरों द्वारा की जाती है, जो तीसरे अंपायर को यह बताने के लिए ‘सॉफ्ट सिग्नल’ देते हैं कि उन्हें लगा कि गेंद बाउंस हुई है या नहीं। इसके बाद तीसरे अंपायर को ‘सॉफ्ट सिग्नल’ को उलटने के लिए निर्णायक सबूत ढूंढना पड़ता है, जो आमतौर पर मुश्किल होता है, क्योंकि टेलीविजन रीप्ले 2डी इमेज प्रदान करते हैं।

इस टेलीविजन रीप्ले में कैच अक्सर ऐसा प्रतीत होता है कि गेंद पहले जमीन पर गिरी और फिर कैच लिए गया हो, क्योंकि रीप्ले में चित्र समतल हो जाते हैं। हालांकि, बटलर और रोसौव के केस में कोई “सॉफ्ट सिग्नल” नहीं था, क्योंकि विकेटकीपर ने यह मानते हुए कि अंपायर ने नहीं सोचा था कि रोसौव ने गेंद नहीं खेली थी रिव्यु लिया।

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