संन्यास लेने के बाद कमेंट्री के साथ नई पारी की शुरुआत करेंगे इयोन मोर्गन
इयोन मॉर्गन ने 28 जून (मंगलवार) को इंटरनेशल क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की।
अद्यतन - जून 29, 2022 1:29 अपराह्न
इंग्लैंड के विश्व कप विजेता कप्तान इयोन मोर्गन ने 28 जून (मंगलवार) को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने न केवल बल्ले से बल्कि अपने कप्तानी में भी इंग्लैंड क्रिकेट में बहुत योगदान दिया। मोर्गन की कप्तानी में इंग्लिश टीम ने खेल के इतिहास में खेले गए सबसे रोमांचक क्रिकेट मैचों में से एक में न्यूजीलैंड को हराकर 2019 वनडे विश्व कप जीता था।
कमेंट्री करते हुए दिखेंगे इयोन मोर्गन
अपनी रिटायरमेंट के बाद, अनुभवी बल्लेबाज अब कमेंट्री करते हुए नजर आएंगे। वह इस समर सीजन में इंग्लैंड के सभी टी-20 और वनडे फॉर्मेट के मैच लिए के लिए कमेंट्री टीम में शामिल हो गए हैं। घरेलू टीम तीन मैचों की T20I सीरीज में भारतीय टीम का सामना करेगी। इसके बाद उन्हें भारत के ही खिलाफ तीन मैचों की वनडे सीरीज भी खेलना है। इन सब सीरीज में मोर्गन कमेंट्री करते हुए दिखेंगे।
Within five minutes of his retirement from international cricket, Sky have announced that Eoin Morgan has joined their commentary team for all England men’s white games this summer
— Will Macpherson (@willis_macp) June 28, 2022
बतौर कप्तान मोर्गन ने लिमिटेड ओवर्स फॉर्मेट में किया था शानदार प्रदर्शन
मोर्गन की कप्तानी के बारे में बात करें तो, बाएं हाथ के बल्लेबाज को 2014 के अंत में इंग्लैंड के ODI और T20I कप्तान के रूप में नामित किया गया था। हालांकि, 2015 विश्व कप के दौरान इंग्लैंड को एक बड़ा झटका लगा क्योंकि उस टूर्नामेंट में वो बांग्लादेश जैसी कमजोर टीम से हारकर बाहर हो गए। मेगा इवेंट में हार के बाद, इंग्लैंड ने टीम में कई नए चेहरों को शामिल करते हुए कुछ बड़े बदलाव किए।
मोर्गन के नेतृत्व में इंग्लैंड ने 50 ओवर के प्रारूप में आक्रामक और एक नया ब्रांड खेलना शुरू किया और 2019 में अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप जीता था। विशेष रूप से, इंग्लिश टीम ने कुछ मौकों पर 400+ स्कोर भी बनाए हैं। हाल ही में नीदरलैंड के खिलाफ एक वनडे मैच में इंग्लिश टीम ने एक पारी में रिकॉर्ड 498 रन बनाए थे।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इंग्लैंड की टीम लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही थी, लेकिन पिछले कुछ समय से मोर्गन का फॉर्म उनके और टीम के लिए चिंता का विषय बना हुआ था। शायद इन्हीं वजहों से मोर्गन ने आख़िरकार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला लिया।