'अगर मेरे पिता साथ नहीं होते, तो मैं यहां नहीं होता'- प्लेयर ऑफ द सीरीज जीतने के बाद बोले सरफराज - क्रिकट्रैकर हिंदी

‘अगर मेरे पिता साथ नहीं होते, तो मैं यहां नहीं होता’- प्लेयर ऑफ द सीरीज जीतने के बाद बोले सरफराज

सरफराज खान इस रणजी सीजन में रन बनाने के मामले में पहले नंबर पर थे।

Sarfaraz Khan. (Photo Source: Twitter)
Sarfaraz Khan. (Photo Source: Twitter)

मुंबई के बल्लेबाज सरफराज खान ने बल्ले से रणजी ट्रॉफी 2021-22 सीजन में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने नौ पारियों में 982 रन बनाए और अपनी टीम को फाइनल में पहुंचने में मदद की। फाइनल के खत्म होने के बाद प्लेयर-ऑफ-द-सीरीज़ पुरस्कार जीतने वाले सरफराज ने इस सब का श्रेय अपने पिता को दिया। बता दें कि, मध्य प्रदेश ने 26 जून, रविवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम, बैंगलोर में हुए फाइनल मुकाबले में मुंबई को छह विकेट से हरा दिया।

अपनी सफलता के लिए अपने पिता को श्रेय देते हुए, सरफराज ने साझा किया कि वह अपने पिता के साथ ट्रेनों में यात्रा करते थे जब उनके पास कुछ भी नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि रणजी ट्रॉफी फाइनल में मुंबई के लिए शतक बनाना कुछ ऐसा था जिसका सपना उन्होंने काफी पहले देखा था। सरफराज ने रणजी ट्रॉफी के फाइनल की पहली पारी में 134 रन बनाए और सीजन का अपना चौथा शतक बनाया।

अगर मेरे पिता साथ नहीं होते, तो मैं यहां नहीं होता- सरफराज खान

प्रेजेंटेशन सेरेमनी में प्लेयर ऑफ द सीरीज का अवॉर्ड जीतने के बाद सरफराज खान ने कहा कि, “इसका श्रेय मेरे पिता को जाता है, जोकि वहां खड़े हैं। मैं विकेट पर टिके रहने और स्कोर बनाने पर ध्यान दे रहा हूं। मैं ज्यादा से ज्यादा मैच खेलना चाहता था और जमीन पर रहते हुए उसी तरह तैयारी करने की कोशिश करता हूं।”

उन्होंने आगे कहा कि, “आप सभी जानते हैं कि मैंने रोलर-कोस्टर की सवारी की है। अगर मेरे पिता साथ नहीं होते, तो मैं यहां नहीं होता। जब हमारे पास कुछ नहीं था, तो मैं अपने पिता के साथ ट्रेनों में यात्रा करता था। जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया, तो मैं रणजी ट्रॉफी में मुंबई के लिए शतक बनाने का सपना देखा था। वह पूरा हो गया।”

अपने पिता के लिए सरफराज खान ने किया स्पेशल पोस्ट

 

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फाइनल में सरफराज खान ने दोनों परियों में बेहतरीन पारी खेली लेकिन वो अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। इस मैच में मुंबई ने मध्य प्रदेश के सामने जीत के लिए 108 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे मध्य प्रदेश की टीम ने आसानी से हासिल कर लिया।

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