धोनी की ही तरह तंग आकर इस युवा क्रिकेटर ने भी छोड़ी रेलवे की सरकारी नौकरी
अद्यतन - Dec 26, 2017 8:32 pm

भारतीय क्रिकेट को बुलंदियों पर पहुँचाने वाले तथा शुरू से ही युवाओं के लिए हमेशा से एक मिशाल बने रहने वाले हमारे पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को आज कौन नहीं जानता है. यहाँ तक की उनके जीवन पर आधारित बनी फिल्म M.S.Dhoni The untold story को हर एक भारतीय ने बड़े ही चाँव से देखा. जिसके बाद से सभी लोग धोनी के जीवन में आयें उतार-चढ़ाव से तो बखूबी वाकिफ हो ही गये होंगे. इस फिल्म में धोनी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब वो रेलवे की सरकारी नौकरी कर रहे होते है जिसके कारण वो क्रिकेट से दिन-प्रतिदिन खुद को दूर होता महसूस करते है.अंततः वो रेलवे की टिकट काटना छोड़ हाथ में बल्ला उठाने की ठान लेते है. अगर धोनी उस समय ये अहम फैसला न लेते तो शायद भारतीय क्रिकेट एक बहुत बड़ा सितारा खो देता.
कुछ ऐसा ही समय आज एक और खिलाड़ी के जीवन में भी आया है और इसने भी धोनी से प्रेरित हो कर रेलवे की नौकरी न करने का फैसला किया है अर्थात नौकरी से इस्तीफ़ा दे दिया है.इस क्रिकेटर का नाम अमित गौतम है.इनका कहना है कि इस नौकरी के दौरान उन्हें अभ्यास का मौका नहीं मिल पाता था. जिसके लिए उन्होंने रेलवे को बतौर बांड के तहत 8 लाख 59 हजार रुपये भी दिए. हाल ही में इनका चयन राजस्थान रणजी टीम में हुआ है.
मूल रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा से रहने वाले वेद प्रकाश गौतम के पुत्र अमित गौतम का चयन मई 2016 में पूर्वोत्तर रेलवे में 1800 ग्रेड पे में किया गया था. अमित को यांत्रिक कारखाने में खलासी के पद पर नियुक्ति मिली थी. नौकरी के बीच में ही वो अवकाश लेकर राजस्थान चले गए और वहां अंडर-22 में खेलते हुए काफी शानदार प्रदर्शन किया. वापस लौटकर उन्होंने रेलवे से इस्तीफा देते हुए कहा की नौकरी के चलते उन्हें ठीक से अभ्यास करने का अवसर नहीं मिल पा रहा है. जिससे वो काफी नाखुश है.
उन्होंने एनओसी के लिए जब आवेदन किया तो पता चला की बांड के मुताबिक उन्हें पांच साल के वेतन का पैसा रेलवे में जमा कराना पड़ेगा. उसके बाद अमित के पिता ने गोरखपुर पहुंचकर रुपये जमा कराए तो रेलवे ने नौकरी छोड़ने की अनुमति दे दी. वेद प्रकाश का कहना है कि बेटे के करियर के लिए जो बन सकेगा करूंगा.
राजस्थान की टीम में अमित की शान
राजस्थान में अंडर-22 वर्ग में दमदार प्रदर्शन के बाद अमित का चयन रणजी के लिए राज्य की मुख्य टीम में कर लिया गया. जिसमे राजस्थान की ओर से खेलते हुए सीजन के अंतिम और अपने पहले ही मैच में दिग्गज खिलाड़ियो की तरह अमित ने भी दिल्ली की टीम के खिलाफ शतक जड़कर अपनी पहचान बना डाली. इस पारी के बाद से उनकी टीम में जगह लगभग तय है.
पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी संजय यादव का कहना है कि खिलाडि़यों के प्रोत्साहन के लिए रेलवे हमेशा तत्पर रहता है। इसी के तहत उन्हें नौकरी भी दी जाती है लेकिन बिना कन्फर्मेशन के यदि कोई खिलाड़ी रेलवे छोड़ता है तो उसे बांड के अनुसार धनराशि जमा करानी होती है.
वही जहां सरकार ने खिलाड़ियो की सुविधा के लिए नौकरी का प्रावधान रखा है वही उनके लिए कभी-कभी कब्र भी बन जाती है. कुछ परिस्तिथियों में खिलाड़ी नौकरी से मिलने वाली रकम से खुश होकर अपने करियर को आगे ले जाने के बजाय परिवार की जरूरतों को पूरी करने में लग जाते है. और कही न कही अपनी प्रतिभा को निखारने के बजाय वो गुमनाम हो जाते है. अमित ने धोनी की तर्ज पर ये कदम तो उठा लिया लेकिन क्या वो अपने इस कदम को धोनी के कदम के साथ मिला पायेंगे. हम उम्मीद करते हैं की आने वाले समय में उन्हें बहुत जल्द अन्तर्राष्ट्रीय टीम में धोनी के साथ खेलते हुए देखे.