चेन्नई सुपर किंग्स की टीम पहले क्वालीफायर में इन 11 खिलाड़ियों के साथ उतरेगी मैदान में
अद्यतन - मई 22, 2018 12:11 अपराह्न
चेन्नई सुपर किंग्स अभी तक के इंडियन प्रीमियर लीग की एक ऐसी एकलौती टीम है जिसने सबी सिजनों में प्लेऑफ में अपनी जगह को बनाया है. 2 साल बैन के बाद वापसी करने के साथ चेन्नई की टीम ने अपने पहले मैच में मुंबई इंडियंस के खिलाफ जिस तरह से आखिरी ओवर में रोमांचक तरीके से मैच को जीता था उसके बाद सभी को इस बात का एहसास हो गया था कि आईपीएल की सबसे मजबूत टीम अब वापस आ चुकी है.चेन्नई की टीम ने इस सीजन का अंत पॉइंट्स टेबल में दूसरे स्थान प्र किया जिस वजह से उसे पहले क्वालीफायर मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ मुंबई में खेलने का मौका मिलेगा.
इंडियन प्रीमियर लीग में इस सीजन में 2 साल के बाद वापसी करने के साथ चेन्नई की टीम ने अपने पहले 6 में 5 मैच में जीत हासिल की लेकिन टीम के अंतिम ओवरों में गेंदबाज़ी एक चिंता का सबब बन गयीं थी. टीम इस समस्या से निपटने के लिए उपाय भी किये लीग मैचों के अंत होने तक और किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ इसका असर भी देखने को मिला. चेन्नई की टीम को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा यदि उन्हें फाइनल मैच में अपनी जगह को पूरी तरह से पक्का करना है.
पहला क्वालीफायर सनराइजर्स हैदराबाद और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच होने वाला मुकाबला लीग स्टेज की 2 सबसे बेहतरीन टीमों के बीच में होने जा रहा है और इस बात की काफी उम्मीद है कि इन्हीं दोनों के बीच में फाइनल मैच भी देखने को मिल सकता है. दोनों ही टीमों के लिए ये बात काफी महत्वपूर्ण है कि वह इस मैच में अपना पूरा ध्यान लगायें ताकि फाइनल में अपनी जगह को सीधे तौर पर पक्का किया जा सके 27 मई के लिए जो इसी मैदान में खेला जाना है.
यहाँ पर देखिये चेन्नई सुपर किंग्स की इस मैच के लिए संभावित अंतिम 11 खिलाड़ियों के नाम :
ओपनिंग (शेन वाट्सन, अम्बाती रायडू)
शेन वाट्सन को किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ पिछले मैच में आराम दिया गया था क्योंकिं चेन्नई की टीम उन्हें प्लेऑफ मैच शुरू होने से पहले फ्रेश होने का मौका देना चाहती है. इस सीजन ऑस्ट्रेलिया टीम का यह पूर्व आलराउंडर खिलाड़ी चेन्नई सुपर किंग्स के लिए सबसे शानदार साबित हुआ है. टीम के लिए ओपनिंग करते हुए उन्होंने कुछ शानदार पारियां खेली है और यदि वह चेन्नई के लिए इस मैच में भी एक ऐसी ही पारी खेल देते है तो वह अपनी टीम को फाइनल का टिकट दिला सकते है. इसके अलावा अपनी गेंदबाज़ी के जरिये भी वह टीम के लिए बीच के ओवरों में काफी कारगर साबित हो रहे है.
अम्बाती रायडू ने इस साल अपने बल्ले से जिस तरह का प्रदर्शन किया उसके बाद ऐसा लगा कि उनका क्रिकेट के मैदान में एक दूसरा जन्म देखने को मिला है. लीग स्टेज में अपने अच्छे प्रदर्शन के बदौलत उन्होंने नेशनल टीम में भी 2 साल के बाद वापसी कर ली. रायडू ने अभी तक इस सीजन में 14 मैच खेलकर 586 रन बनाएं है जिसके बाद वह अब अपने इसी फॉर्म को आखिरी के कुछ मैचों में भी जारी रखना चाहते है जिससे टीम को आईपीएल ट्राफी जिता सके.
मध्यक्रम (सुरेश रैना, महेंद्र सिंह धोनी (विकेटकीपर, कप्तान), सैम बिलिंग्स)
सुरेश रैना इस सीजन में अभी तक उस तरह की आक्रमक बल्लेबाज़ी करते हुए नजर नहीं आयें है जिसके लिए वह पहचाने जाते है लेकिन इसके बावजूद उन्होंने इस सीजन में 4 अर्धशतक लगा चुके है जिसमे आखिरी 50 रन रविवार की रात हुए मैच के दौरान आयें जिस पिच पर बल्लेबाज़ी थोडा मुश्किल भरा था. टीम को इस बात का भरोसा है कि रैना उनके लिए बड़े मैचों में काफी कारगर साबित हो सकते है जिस वजह से उन्हें टीम से बाहर किया जाने का कोई भी सवाल ही नहीं पैदा होता है.
महेंद्र सिंह धोनी ने इस सीजन को खुद को एक फिशिनर के रूप में रखा है. अभी तक धोनी इस सीजन में 14 पारियों में 446 रन बना चुके है जिसमें वह 9 बार नाबाद गयें है इस कारण उनका औसत 89.20 का रहा है पूरे सीजन में अभी तक. सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि धोनी की अक्सर आलोचना उनके स्ट्राइक रेट की वजह से होती थी लेकिन इस सीजन में उनका स्ट्राइक रेट 157 का रहा है. कप्तान होने के नातें उनके अनुभव पर सवाल खड़े करने का तो कहीं से कोई भी प्रश्न ही नहीं बनता है क्योंकिं धोनी से बेहतर शायद ही किसी को नॉकआउट मैच में खेलने का अनुभव हो.
सैम बिलिंग्स ने इस सीजन में कोलकाता नाईट राइडर्स के खिलाफ अपने इस सीजन के पहले मैच में शानदार पारी खेलने के बाद कुछ भी ऐसा खास नहीं किया है. इंग्लैंड के इस युव बल्लेबाज ने पिछले 7 मैच में सिर्फ 52 रन ही बनायें है लेकिन इसके बावजूद उनकी प्रतिभा को देखते हुए इस मैच में खेलने का मौका मिल सकता है क्योंकि बिलिंग्स एक शानदार फिल्डर भी है तो महत्वपूर्ण मौके पर बाउंड्री बचाकर टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकते है.
आलराउंडर (ड्वेन ब्रावो, रवीन्द्र जड़ेजा)
अंतिम ओवरों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ड्वेन ब्रावो इस सीजन में उस तरह के फॉर्म में अपनी गेंदबाज़ी से अभी तक नहीं दिखे है. इस बात का सभी को पता है कि ब्रावो धीमी गेंद और योर्कर गेंद के महारथी है, लेकिन इस सीजन वेस्टइंडीज का यह बेहतरीन खिलाड़ी अपनी लाइन लेंग्थ से कुछ भटक सा गया है. इसके बावजूद टीम इस खिलाड़ी का समर्थन कर रही है क्योंकिं ब्रावो ने इस सीजन में अपने बल्ले से टीम सके लिए जरुर कुछ महत्वपूर्ण पारियां खेली है.
रवीन्द्र जड़ेजा का इस सीजन रोल टीम में कुछ समझ से परे रहा है क्योंकिं पहले हाफ में उनसे एक भी मैच में धोनी ने गेंदबाज़ी नहीं करवाई और बल्लेबाज़ी में भी उन्हें काफी निचे भेजा. जड़ेजा को कुछ मैच में पहले भेजा गया लेकिन वह उसका लाभ नहीं उठा सके. अब जड़ेजा गेंदबाज़ी काफी अच्छी कर रहे है और आरसीबी के खिलाफ मैच में धीमी पिच का लाभ काफी बेहतरीन रूप से उठाया है.
गेंदबाज़ (दीपक चहर, शार्दुल ठाकुर, हरभजन सिंह, लुंगी एन्गीडी)
दीपक चहर ने इस चेन्नई सुपर किंग्स के लिए नईं गेंद से काफी बेहतरीन खिलाड़ी साबित हुए है. और इस बात में किसी को भी अचम्भा नहीं होना चाहिए कि धोनी शुरू में ही उनके चार ओवर का प्रयोग कर ले. इस युवा गेंदबाज़ ने अपनी गेंदबाज़ी से सभी को काफी प्रभावित किया है और मैच के बाद दीपक में काफी सुधार भी देखने को मिला है.
हरभजन सिंह आईपीएल के सबसे अनुभवी खिलाड़ियों में से एक है और उन्हें इस बात का पता है कि ऐसे नॉकआउट मैच में किस तरह का प्रदर्शन करना चाहिए और इस मैच में भी दूसरी टीम के लिए रन गति को कम करने का प्रयास करेंगे.
शार्दुल ठाकुर भी इस सीजन में उतने अच्छे तो नहीं रहे है लेकिन टीम मैनजमेंट ने उके उपर अपना भरोसा कायम रखा हुआ है और उन्हें अंतिम ओवरों में गेंदबाज़ी ना कराते हुए बीच के ओवरों में प्रयोग किया जा सकता है. पिछले कुछ मैच में शार्दुल ने थोडा अच्छी गेंदबाज़ी की है.
लुंगी एन्गीडी ने किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ मैच में अपने 4 ओवर में सिर्फ 10 रन देकर 4 विकेट हासिल कर लिए थे और एकबार फिर से नईं गेंद से वह महत्वपूर्ण भूमिका को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार रहेंगे. शिखर धवन और केन विलियम्सन जैसे बल्लेबाजों पर वह काफी दबाव बना सकते है.