जब किरण नवगीरे ने अपने कोच को बताया था कि वो किसी क्लब के लिए नहीं खेलती, बस मजे के लिए खेलती हैं - क्रिकट्रैकर हिंदी

जब किरण नवगीरे ने अपने कोच को बताया था कि वो किसी क्लब के लिए नहीं खेलती, बस मजे के लिए खेलती हैं

किरण नवगीरे को इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया।

Kiran Navgire. (Photo Source: IPL/BCCI)
Kiran Navgire. (Photo Source: IPL/BCCI)

धाकड़ बल्लेबाज किरण नवगीरे के कोच गुलजार शेख ने विश्वविद्यालय के एक मैच के बाद क्रिकेटर के साथ एक दिलचस्प बातचीत को याद किया। उन्होंने बताया कि किरण की पावर हिटिंग बल्लेबाजी से वो काफी हैरान हुए थे और इससे भी बड़ी हैरानी की बात यह थी कि उस समय वो किसी भी क्लब से नहीं खेलती थी बल्कि बस मजे के लिए वो बल्लेबाजी करती थी।

ये बात है साल 2016 की जब किरण 22 वर्ष की थी। 6 साल बाद अगस्त 19 को उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में शामिल किया गया। बता दें, 10 सितंबर से 24 सितंबर तक भारत, इंग्लैंड के खिलाफ तीन टी-20 और तीन वनडे मुकाबले खेलेगी।

किरण के राष्ट्रीय चयन पर प्रतिक्रिया देते हुए उनके कोच ने द इंडियन एक्सप्रेस में कहा कि, ‘वो पुणे के आजम स्पोर्ट्स अकादमी में विश्वविद्यालय के लिए खेल रही थी। उनको खेलते हुए देखकर ऐसा लग रहा था कि वो छक्के मजे के लिए जड़ रही हैं। उनकी ताकतवर बल्लेबाजी को देखते हुए मैं काफी हैरान था। मैं और हमारे अध्यक्ष डॉ. पीए इनामदार मैच के बाद उनके पास गए और उनसे पूछा कि वह किस क्लब में ट्रेनिंग कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि, ‘कोई क्लब नहीं है सर मैं सिर्फ मजे के लिए खेलती हूं। मुझे एथलीट्स में कुछ करना है। वैसे भी क्रिकेट काफी महंगा खेल है। शेख ने बताया कि जब उनसे कहा गया कि आपको एक भी पैसा नहीं देना है लेकिन उन्हें रोज अकादमी में खेलने आना होगा और बिना मजाक करे क्रिकेट खेलना होगा। इस बात पर किरण ने हामी भरी और यहां से उनके सफर की शुरूआत हुई।

किरण गोला फेंक और भाला फेंकती थी: गुलजार शेख

किरण को 2017 में महाराष्ट्र के लिए खेलने के लिए चुना गया था, लेकिन वो अब नागालैंड का प्रतिनिधित्व करती हैं। उन्होंने इस साल की शुरुआत में सीनियर महिला टी-20 ट्रॉफी में अरुणाचल के खिलाफ नागालैंड के लिए 76 गेंदों पर 162 रन बनाकर इतिहास रच दिया था।

उनकी बल्लेबाजी को लेकर कोच ने कहा कि, ‘वो एक नेचुरल पावर हिटर हैं। मुझे सही बात तो पता नहीं हैं, लेकिन उन्होंने एक बार मुझे बताया था कि वो बचपन से ही खेती में अपने परिवार वालों की मदद करती है और उन्होंने बड़े होते-होते तक कई खेल खेलें हैं। वो गोला फेंक और भाला भी फेंकती थी।

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