अहमदाबाद टीम का कप्तान बनने के बाद हार्दिक पंड्या ने किया एमएस धोनी को याद - क्रिकट्रैकर हिंदी

अहमदाबाद टीम का कप्तान बनने के बाद हार्दिक पंड्या ने किया एमएस धोनी को याद

हार्दिक पांड्या ने 2016 में एमएस धोनी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था।

Hardik Pandya. (Photo Source: Twitter/Hardik Pandya)
Hardik Pandya. (Photo Source: Twitter/Hardik Pandya)

कई प्रतिभावान खिलाड़ियों ने अपनी सफलता का श्रेय पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दिया हैं और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या भी उन्‍हीं में से एक हैं। पांड्या ने 2016 में धोनी के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया और खेल के सभी प्रारूपों में भारतीय क्रिकेट टीम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए। हालांकि, पिछले कुछ समय से उनकी फिटनेस ने उन्हें परेशान कर रखा है और इस वक्‍त खराब फिटनेस के चलते टीम इंडिया से बाहर हैं।

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की नई टीम अहमदाबाद का कप्तान बनाये जाने के बाद हार्दिक ने धोनी की जमकर तारीफ की और बताया उनके करियर में पूर्व कप्तान एमएस धोनी का कितना बड़ा योगदान रहा है। भारतीय ऑलराउंडर ने यह भी बताया कि धोनी ज्यादा दखलबाजी करना पसंद नहीं करते, बल्कि वह चाहते हैं कि युवा खिलाड़ी अपनी गलतियों से खुद सीखें और वह उनसे काफी कुछ सीखे है।

एमएस धोनी का मेरे करियर पर बहुत प्रभाव रहा : हार्दिक पंड्या

पांड्या ने मशहूर पत्रकार बोरिया मजूमदार को दिए इंटरव्यू में बताया: “मैंने हर किसी से बहुत कुछ सीखा है, और खासकर माही भाई से क्योंकि जब मैंने डेब्यू किया था तब मैं एक कच्चा माल था। माही भाई ने जिस तरह से मुझे तैयार किया, मेरे कौशल को विकसित किया, और जिस तरह से उन्होंने मुझे खेलने की आजादी दी, इससे मुझे बहुत मदद मिली। वह चाहते थे कि मैं अपनी गलतियों से सीखूं।”

उन्होंने आगे कहा, “जब मैं भारतीय टीम में गया तो मुझे लगा कि ‘महेंद्र सिंह धोनी सब कुछ देख लेंगे।’ वह मुझे बताएंगे कि यहां गेंद डालनी है या यहां नहीं डालनी हैं, और वह पूरी तरह से हर चीज पर नजर रखेंगे। लेकिन वैसा नहीं था, और मैं सोचता रहा कि आखिर ये मुझे कुछ कह क्‍यों नहीं रहे हैं। दरअसल, माही भाई चाहते थे कि मैं अपनी गलतियों से खुद सीखूं ताकि मैं लंबे समय तक खेल सकूं।”

पांड्या ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू याद करते हुए कहा, “मुझे याद है कि मैंने अपने पदार्पण मैच के पहले ओवर में कुछ 22-24 रन दिए थे और मुझे वकाई में लगा था कि ये मेरा पहला और आखिरी मैच है। इसलिए जब माही भाई ने मुझे दूसरा ओवर डालने को कहा तो मुझे लगा कि वो किसी और से कह रहे हैं। इसके बाद मैंने ओवर किया और फिर चीजें बदल गई। यहां से मैंने सीखा कि वह आपको कभी नहीं बताएंगे कि वो आपके साथ हैं लेकिन वह आपके साथ हमेशा रहेंगे।”

close whatsapp