मेरे बाद राहुल द्रविड़ ही टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए सबसे बेहतर शख्स थे- रवि शास्त्री
रवि शास्त्री के कार्यकाल के दौरान भारत ने ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में मात दिया था।
अद्यतन - जुलाई 3, 2022 2:04 अपराह्न
टीम इंडिया इस समय बर्मिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ पुनर्निर्धारित पांचवें टेस्ट मैच खेल रही है। इस बीच टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने मौजूदा भारतीय कोच राहुल द्रविड़ को उनकी भूमिका में सफल होने के लिए उन्हें अपना सपोर्ट दिया है। उन्होंने कहा कि द्रविड़ अपने कार्यकाल में भारत को और ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।
शास्त्री के कार्यकाल में, भारतीय टीम दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टूरिंग टीमों में से एक बनी। भारत ने दक्षिण अफ्रीका को छोड़कर हर जगह टेस्ट जीतने में कामयाब रहा है। शास्त्री के कोच बनने के बाद टीम इंडिया में काफी बदलाव आया था और तभी से भारत ने टेस्ट में आक्रामक क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उनके रहते भारतीय गेंदबाजी आक्रमण में भी काफी सुधार देखने को मिला था।
मेरे बाद कोच बनने के लिए राहुल से बेहतर कोई व्यक्ति नहीं है- रवि शास्त्री
इंडिया टुडे के हवाले से रवि शास्त्री ने कहा कि, “मेरे बाद राहुल से बेहतर कोई व्यक्ति नहीं है, मुझे गलती से वह काम मिल गया जो मैंने राहुल को बताया। मैं कमेंट्री बॉक्स में था, मुझे वहां जाने के लिए कहा गया और मैंने अपना काम किया, लेकिन राहुल एक ऐसा व्यक्ति हैं जो सिस्टम के माध्यम से आए हैं, उन्होंने कड़ी मेहनत की है। वह अंडर -19 टीम के कोच रहे हैं और उन्होंने इस भारतीय टीम को संभाला है और मुझे लगता है कि वह इसका आनंद लेंगे।”
क्रिकेटर से कमेंटेटर बने शास्त्री ने भारतीय टीम की कमान संभालते हुए मीडिया से दुरी बनाए रखने की भी बात कही। शास्त्री ने कहा कि उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान मीडिया के बारे में कभी भी परेशान नहीं किया गया था क्योंकि उन्हें पता था कि उनकी टीम को अच्छा प्रदर्शन करने पर प्रशंसा मिलेगी और अगर वे खराब प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ेगा।
शास्त्री में अंत में कहा कि, “आखिरी चीज जिसकी मुझे चिंता थी, वह थी मीडिया। अगर खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया, तो मीडिया आपकी इच्छानुसार प्रतिक्रिया देगा। यदि आप अच्छा नहीं करते हैं, तो उन्हें आपका आलोचना करने का अधिकार है और यदि आप अच्छा करते हैं, तो आपको प्रशंसा मिलेगी। हमारा काम बहुत आसान था। सच तो यह है कि हम घर में दबंग थे और जब हम विदेश में थे तो हमने अच्छा क्रिकेट नहीं खेला। इसलिए टीम के साथ मेरा काम उन्हें गलत साबित करना था।”