स्मृति मंधाना का धमाका, सिर्फ 23 गेंदों में ठोका वनडे क्रिकेट का सबसे तेज अर्धशतक

स्मृति मंधाना का धमाका, सिर्फ 23 गेंदों में ठोका वनडे क्रिकेट का सबसे तेज अर्धशतक

अरुण जेटली स्टेडियम में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ स्मृति ने 23 गेंदों में पूरा किया अर्धशतक

Smriti Mandhana (Image Credit - Twitter X)
Smriti Mandhana (Image Credit – Twitter X)

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की उपकप्तान स्मृति मंधाना ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे और अंतिम वनडे मैच में धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए नया इतिहास रच दिया। दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में मंधाना ने महज 23 गेंदों में अर्धशतक जमाकर भारत की ओर से महिला वनडे क्रिकेट का सबसे तेज अर्धशतक लगाने का कीर्तिमान बना दिया।

इससे पहले यह रिकॉर्ड विकेटकीपर बल्लेबाज़ ऋचा घोष के नाम दर्ज था। ऋचा ने साल 2021-22 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ 26 गेंदों में अर्धशतक ठोका था। लेकिन मंधाना ने अपने आक्रामक अंदाज से इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए नया इतिहास रच दिया।

भारत की महिला खिलाड़ियों के वनडे में सबसे तेज अर्धशतक 

  • स्मृति मंधाना – 23 गेंद बनाम ऑस्ट्रेलिया (2025)

  • ऋचा घोष – 26 गेंद बनाम न्यूजीलैंड (2021-22)

  • वेदा कृष्णमूर्ति – 32 गेंद बनाम दक्षिण अफ्रीका (2017-18)

  • हरमनप्रीत कौर – 33 गेंद बनाम दक्षिण अफ्रीका (2020-21)

  • सब्बीनीनी मेघना – 33 गेंद बनाम न्यूजीलैंड (2021-22)

मंधाना की इस पारी में चौकों और छक्कों की बरसात देखने को मिली। उन्होंने शुरुआत से ही ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजो को निशाना बनाया और हर तरफ शॉट्स बिखेरे। उनके इस आक्रामक खेल से भारतीय टीम को मजबूत शुरुआत मिली और दर्शकों ने खड़े होकर उनका स्वागत किया। दिल्ली के मैदान में तालियों और नारों की गूंज ने माहौल को यादगार बना दिया।

गौरतलब है कि स्मृति मंधाना पिछले कई वर्षों से भारतीय महिला क्रिकेट की सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजो में गिनी जाती हैं। उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 – हर फॉर्मेट में भारत को कई बार जीत दिलाई है। बड़े मौकों पर बड़ी पारी खेलने की उनकी क्षमता उन्हें खास बनाती है। यही वजह है कि उन्हें मौजूदा दौर में भारतीय महिला टीम की सबसे बड़ी ताकत माना जाता है।

सोशल मीडिया पर भी स्मृति की इस रिकॉर्डतोड़ पारी की जमकर चर्चा हो रही है। क्रिकेट फैंस से लेकर पूर्व खिलाड़ियों तक, सभी ने उनकी तारीफ की है। कई लोगों ने इसे भारतीय महिला क्रिकेट के लिए गर्व का पल बताया है। यह उपलब्धि न केवल मंधाना के करियर में सुनहरा अध्याय जोड़ेगी बल्कि आने वाली पीढ़ी की खिलाड़ियों को भी प्रेरित करेगी।

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