तो क्या अब टीम में नहीं लौट पाएगा सीधे हाथ से गेंदबाज़ी और बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी करने वाला ये धाकड़ ऑलराउंडर - क्रिकट्रैकर हिंदी

तो क्या अब टीम में नहीं लौट पाएगा सीधे हाथ से गेंदबाज़ी और बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी करने वाला ये धाकड़ ऑलराउंडर

Team India
Indian players (Photo by Kerry Marshall/Getty Images)

टीम इंडिया मौजूदा समय में बेहतरीन ऑलराउंडर के साथ खेल रही है। टीम इंडिया वर्ल्डकप से पहले अपने बेहतरीन टीम कंबीनेशेन के साथ न्यूज़ीलैंड दौरे पर है।

वर्ल्डकप से पहले टीम इंडिया के लिए न्यूजीलैंड दौरा काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा था। हालांकि टीम इंडिया ने इस दौरे पर कमाल का प्रदर्शन भी किया।

अगर चौथे वनडे मैच की हार को छोड़ दें तो टीम इंडिया ने शुरुआती तीन मैचों में दमदार प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज की। लेकिन टीम इंडिया का एक बेहतरीन ऑलराउंडर टीम में जगह बनाने के लिए तरस रहा है।

इस खिलाड़ी ने कई बार टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई है। यहां बात हो रही है ऑलराउंडर खिलाड़ी सुरैश रैना के बारे में।

बाएं हाथ से बल्लेबाज़ी और दाएं हाथ से गेंदबाज़ी

Suresh Raina (Photo Source: Twitter)
Suresh Raina (Photo Source: Twitter)

सुरेश रैना ने लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए वनडे मैचों में मध्यक्रम बल्लेबाज़ के तौर पर काफी रन बनाए। सुरैश रैना ने कई बार नंबर 3 पर खेले तो कई बार मैच की सिचुएशन के हिसाब से खेलने के क्रम के स्थान पर बदलाव होता गया। सुरैश रैना के ऑफ साइड में लगाए छक्के और बाउंड्री उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।

अगर आंकड़ों की बात करें तो सुरेश रैना ने 226 वनडे मैचों में 5615 रन बनाए। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 116 रन है। रैना के नाम वनडे क्रिकेट में 5 शतक और 36 अर्धशतक लगाने का बेमिसाल रिकॉर्ड है। इसी के साथ उन्होंने 78 टी20 मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन किया।

अगर बॉलिंग की बात करें तो रैना के नाम वनडे क्रिकेट में 36 विकेट हैं। 34 रन देकर 3 विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ बॉलिंग फिगर है। वहीं टी20 में रैना के नाम 13 विकेट जबकि 18 टेस्ट मैचों में 13 विकेट हैं।

इंग्लैंड के खिलाफ खेला आखिरी वनडे

India’s Suresh Raina. (Photo by PUNIT PARANJPE/AFP/Getty Images)
India’s Suresh Raina. (Photo by PUNIT PARANJPE/AFP/Getty Images)

सुरैश रैना ने साल 2018 में 17 जुलाई को हेडिंग्ले में अपना आखिरी वनडे मैच खेला था। उसके बाद उन्हें टीम में जगह नहीं मिली है।

धोनी के कप्तान रहते हुए इस खिलाड़ी को पाटर्नरशिप ब्रेकर कहा जाता था। टीम में नए खिलाड़ियों के आने के बाद रैना अपना स्थान पाने में कड़ी मशक्कत कर रहे हैं।

यह खिलाड़ी न सिर्फ बल्लेबाज, गेंदबाज़ी में बेहतर था बल्कि फील्डिंग में रैना काफी बेहतरीन थे।

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