सचिन-विराट से लेकर सारा टेलर तक, 7 क्रिकेटर जो हैं खतरनाक बीमारी के शिकार
पिछले कुछ सालों तक क्रिकेट में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात नहीं की जाती थी, लेकिन अब खिलाड़ी इसके बारे में सार्वजनिक रूप से बात करतें हैं
अद्यतन - Aug 14, 2024 5:35 pm

Virat Kohli to Sachin Tendulkar, Cricketer who were in Depression: डिप्रेशन का सामना कर रहे क्रिकेटर ग्राहम थोर्प ने पिछले हफ्ते आत्महत्या कर ली। थोर्प की पत्नी अमांडा ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर Stress और Anxiety को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे और इसलिए उन्होंने अपनी जान लेने का फैसला किया। इसके बाद से खेल जगत में एक बार फिर Mental Health पर चर्चा होने लगी है। हालांकि, यह कोई नया मुद्दा नहीं है, जिस पर कभी खुलकर बातचीत नहीं हुई।
पिछले कुछ सालों तक क्रिकेट में मानसिक स्वास्थ्य के बारे में खुलकर बात नहीं की जाती थी, लेकिन अब जाकर खिलाड़ी अपने संघर्षों के बारे में बात करने के लिए सामने आए हैं। बड़े क्रिकेटरों ने न केवल अपने डिप्रेशन को सार्वजनिक रूप से लोगों के सामने रखा, बल्कि खुद को थकाने वाले शेड्यूल से दूर रखने का विकल्प भी चुना।
आइए उन क्रिकेटरों पर नजर डालें जो डिप्रेशन और स्ट्रेस जैसी खतरनाक बीमारियों का शिकार हुए हैं
बेन स्टोक्स

इंग्लैंड के मौजूदा टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने 2021 में अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात की थी। पैनिक अटैक से पीड़ित होने के बाद उन्होंने 2021 में खेल से छह महीने का ब्रेक लिया था। एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म में, इस दिग्गज ऑलराउंडर ने खुलासा किया था कि वह अभी भी स्ट्रेस और डिप्रेशन की दवा ले रहे हैं और वह नियमित रूप से मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से बात भी करते हैं।
ग्लेन मैक्सवेल

दुनिया के सबसे बेहतरीन पावर हिटर्स में से एक ग्लेन मैक्सवेल ने साल 2019 में मेंटल स्ट्रेस की वजह से क्रिकेट से ब्रेक लिया था। तब तत्कालीन कोच जस्टिन लैंगर ने उनकी मदद की और उनका हौसला बढ़ाया था। मैक्सवेल ने जब खुद को मेंटली फिट पाया, तो उन्होंने क्रिकेट में वापसी की और शानदार प्रदर्शन किया।
विराट कोहली

विराट कोहली साल 2014 में उम्मीद के मुताबिक रन नहीं बना सके थे और उस समय वह डिप्रेशन का शिकार बनते जा रहे थे, लेकिन तब उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा। साल 2019 में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोहली ने इस बारे में बात की थी और कहा था, “मैं मानसिक रूप से अच्छा महसूस नहीं कर रहा था। मैं उन दिनों क्रिकेट से दूर होता जा रहा था।” हालांकि उन्होंने इस समस्या पर काबू पाया और सब कुछ ठीक हो गया।
सचिन तेंदुलकर

आपको यकीन नहीं होगा लेकिन अपने करियर में 100 शतक लगाने वाले दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी स्ट्रेस और डिप्रेशन का शिकार हो चुके हैं। सचिन ने कहा था कि 10-12 साल तक एक समय ऐसा था, जब वह मैच से पहले आधी रात तक सो नहीं पाते थे। बाद में उन्होंने इसे अपनी तैयारी का हिस्सा बना लिया। फिर उन्होंने ध्यान भटकाने के लिए खुद को अन्य चीजों में व्यस्त रखना सीख लिया।
जोनाथन ट्रॉट

इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज और वर्तमान में अफगानिस्तान के कोच ट्रॉट भी अपने करियर के चरम पर मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। उन्होंने 2013 की एशेज सीरीज को बीच में ही छोड़ दिया था और अपने फैसले का कारण ‘लंबे समय से चली आ रही तनाव से जुड़ी’ स्थिति को बताया था। हालांकि, उन्होंने काउंटी सर्किट में वापसी करने की कोशिश की, लेकिन वहां वे ज्यादा कुछ नहीं कर पाए और स्ट्रेस की वजह से खेल छोड़ दिया।
सारा टेलर

2009 टी20 विश्व कप और 2017 विश्व कप की विजेता सारा टेलर शायद इंग्लैंड की सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर-बल्लेबाज थीं, लेकिन मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं (Female Cricketers who faced stress and depression) से जूझने के कारण उन्होंने खेल छोड़ दिया। अपने पूरे करियर के दौरान उन्होंने कई बार ब्रेक लिया और अंत में स्ट्रेस और डिप्रेशन से दूर होने के लिए खेल से संन्यास ले लिया।
सूजी बेट्स

न्यूजीलैंड की पूर्व कप्तान सूजी बेट्स मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थीं और उन्होंने कहा था कि ‘क्रिकेट मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे खराब खेल है।’