विश्व कप जीत के बाद स्मृति मंधाना और जेमिमा रोड्रिग्स का साउथ अफ्रीकी प्लेयर्स के साथ ख़ास पल, छू लिया सबका दिल

विश्व कप जीत के बाद स्मृति मंधाना और जेमिमा रोड्रिग्स का साउथ अफ्रीकी प्लेयर्स के साथ ख़ास पल, छू लिया सबका दिल

स्मृति और जेमिमा ने अपना जश्न छोड़कर मैदान के दूसरे छोर की ओर रुख किया और विरोधी खिलाड़ियों को गले लगाकर सांत्वना दी।

Smriti Mandhana, Jemimah Rodrigues (Image Credit - Twitter X)
Smriti Mandhana, Jemimah Rodrigues (Image Credit – Twitter X)

महिला वनडे विश्व कप 2025 के फाइनल में भारत ने इतिहास रचते हुए दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से हराकर अपना पहला वर्ल्ड कप खिताब जीत लिया। लेकिन इस मैच की सबसे खूबसूरत झलक वह नहीं थी जब भारत ने ट्रॉफी उठाई, बल्कि वह थी जब स्मृति मंधाना और जेमिमा रोड्रिग्स ने खेल भावना की मिसाल पेश की।

जीत के बाद जब भारतीय खिलाड़ी मैदान पर जश्न मना रही थीं, तब दूसरी ओर दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी अपनी हार से भावुक होकर आँसू नहीं रोक पा रही थीं। तभी स्मृति और जेमिमा ने अपना जश्न छोड़कर मैदान के दूसरे छोर की ओर रुख किया और विरोधी खिलाड़ियों को गले लगाकर सांत्वना दी।

उन्होंने दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वूल्वार्ट और स्टार ऑलराउंडर मारिज़ैन कैप सहित कई खिलाड़ियों को दिलासा दिया। इस पल का वीडियो और तस्वीरें आईसीसी ने सोशल मीडिया पर साझा कीं, जो कुछ ही घंटों में वायरल हो गईं और पूरी दुनिया से प्रशंसा बटोरीं।

स्मृति और जेमिमा ने दिखाई असली स्पोर्ट्समैनशिप

यह दृश्य खेल के असली मायने दिखाने वाला था विनम्रता में जीत और गरिमा में हार। भारतीय टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने भी बाद में कहा कि “खेल सिर्फ ट्रॉफी जीतने का नहीं, बल्कि एक-दूसरे के प्रति सम्मान दिखाने का होता है।

दूसरी ओर, दक्षिण अफ्रीका की कप्तान लौरा वूल्वार्ट ने हार के बाद कहा, मैं अपनी टीम पर गर्व करती हूँ। हमने पूरे टूर्नामेंट में शानदार क्रिकेट खेला, लेकिन आज भारत बेहतर रहा। हम कुछ मैचों में बहुत नीचे गिरे, लेकिन टीम ने उन असफलताओं से उबरकर शानदार प्रदर्शन किया। यह हमारे लिए सीखने का अनुभव रहेगा।

भारत की जीत में शैफाली वर्मा और दीप्ति शर्मा की अहम भूमिका रही। दोनों ने शानदार प्रदर्शन कर टीम को मज़बूत स्थिति में पहुँचाया। यह फाइनल सिर्फ भारत की जीत नहीं थी, बल्कि खेल भावना और मानवीयता की भी जीत थी। स्मृति और जेमिमा का यह कदम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बन गया कि असली चैंपियन वही है जो जीतकर भी विनम्र बना रहे।

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