Women's World Cup 2025: फाइनल में तूफानी पारी खेलकर शेफाली वर्मा ने लगाई रिकॉर्डों की झड़ी

Women’s World Cup 2025: फाइनल में तूफानी पारी खेलकर शेफाली वर्मा ने लगाई रिकॉर्डों की झड़ी

शेफाली वर्मा ने फाइनल मुकाबले में 78 गेंदों का सामना करते हुए 87 रनों की बेहतरीन पारी खेली।

Shafali Verma (Image Credit- Twitter/X)
Shafali Verma (Image Credit- Twitter/X)

भारतीय सलामी बल्लेबाज शेफाली वर्मा ने आईसीसी महिला विश्व कप 2025 के फाइनल में शानदार पारी खेलते हुए भारतीय टीम को विश्व विजेता बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। बल्लेबाज प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद दाएं हाथ की शेफाली वर्मा को सेमीफाइनल से पूर्व टीम का हिस्सा बनाया गया था और इस मौके को शेफाली ने दोनों हाथों से स्वीकार करते हुए बेहतरीन प्रदर्शन किया।

21 वर्षीय शेफाली ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध खेले गए फाइनल में बतौर सलामी बल्लेबाज एक लाजवाब पारी खेली और 78 गेंदों का सामना करते हुए 87 रन बनाए। इस यादगार पारी के बदौलत उन्होंने अपना नाम भारतीय क्रिकेट के इतिहास में दर्ज कर लिया और आईसीसी फाइनल (वनडे और टी20आई) में भारतीय टीम के लिए बतौर सलामी बल्लेबाज, सर्वाधिक रन बनाने वाली खिलाड़ी बनीं।

इससे पूर्व यह रिकॉर्ड पूनम राउत के नाम दर्ज था, जिन्होंने इंग्लैंड के विरुद्ध 2017 के विश्व कप फाइनल में 86 रनों की पारी खेली थी और उनके पीछे वीरेंदर सहवाग की 2003 में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खेली गयी 82 रनों की पारी है।

शैफाली का ऑलराउंड प्रदर्शन

प्रतिका रावल की आपातकालीन रिप्लेसमेंट के तौर पर आईं शेफाली ने अपने करियर के सबसे बड़े मैच में दक्षिण अफ्रीका पर हमला बोला। स्मृति मंधाना (45) के साथ उनकी 104 रन की सलामी साझेदारी ने भारत को 298/7 के विशाल स्कोर तक पहुँचाया। शेफाली वर्मा की विस्फोटक तथा नियंत्रण भरी पारी ने एक चुनौतीपूर्ण सतह पर भारतीय टीम को सुदृढ़ शुरुआत दिलाई जिसने गेंदबाजों पर दबाव हल्का कर दिया।

इतना ही नहीं बल्कि शेफाली वर्मा को गेंदबाजी की ज़िम्मेदारी भी सौंपी गई जिसे उन्होंने दोनों हाथों से भुनाया। अपने पहले ही ओवर में विकेट लेने के बाद उन्होंने अनुशासित गेंदबाजी करते हुए 7 ओवरों में मात्र 36 रन दिए और दो महत्त्वपूर्ण विकेट लिए। इस ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए शैफाली वर्मा को इस मुकाबले का ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ घोषित किया गया।

शेफाली समेत सभी खिलाड़ियों के योगदान से भारतीय टीम ने दक्षिण अफ्रीका को 52 रनों से पराजित किया और पहली बार विश्व कप की ट्रॉफी को अपने नाम किया। हरमनप्रीत कौर की इस टीम ने एक कीर्तिमान हासिल किया है जिसके मायने भारतीय तथा विश्व क्रिकेट में बहुत अधिक हैं।

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