'हम एक कमरे में 10-11 लोग सोते थे' - अपने स्ट्रगल वाले दिनों को याद कर भावुक हुए कप्तान रोहित शर्मा - क्रिकट्रैकर हिंदी

‘हम एक कमरे में 10-11 लोग सोते थे’ – अपने स्ट्रगल वाले दिनों को याद कर भावुक हुए कप्तान रोहित शर्मा

2019 वर्ल्ड कप में रोहित शर्मा ने बल्ले से किया था शानदार प्रदर्शन।

Rohit Sharma (Photo Source: X/Twitter)
Rohit Sharma (Photo Source: X/Twitter)

टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा की गिनती दुनिया के सबसे दिग्गज क्रिकेटरों में की जाती है। हालांकि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी कड़ी मेहनत की है। उनके करियर में सबसे बुरा दौर तब आया जब उन्हें 2011 वर्ल्ड कप के लिए टीम में जगह नहीं मिली। हालांकि उन्होंने अपने करियर में कई बड़ी उपलब्धि हासिल की है। रोहित 2007 टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा थे, इसके अलावा उन्होंने कई आईपीएल ट्रॉफी भी अपने नाम की है।

पिछले दो वनडे वर्ल्ड कप में बतोर खिलाड़ी टीम का हिस्सा रहने वाले रोहित 2023 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की कप्तानी करेंगे। भारतीय टीम उनके नेतृत्व में ये वर्ल्ड कप अपने नाम कर ICC ट्रॉफी के सूखे को खत्म करना चाहेगी। टूर्नामेंट से पहले भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने अपने मुश्किल भरे दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि वह आज जो कुछ भी सिर्फ उनकी मेहनत की वजह से हैं।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में रोहित शर्मा ने कहा कि, “हमारा एक छोटा-सा कमरा था, जिसमें करीब 10-11 लोग सोते थे। दादाजी बिस्तर पर और मैं, चाचा, चाची, दादी फर्श पर सोते थे। मैंने वो दिन देखे हैं। मुझे पता है कि जीवन आसान नहीं है, इसलिए मुझे कड़ी मेहनत करनी होगी। मैं आज जो कुछ भी हूं, वह कड़ी मेहनत के कारण हूं।”

मैंने तीन साल की उम्र में ही अपने माता-पिता से दूर हो गया था- रोहित शर्मा

रोहित ने अंत में यह भी कहा कि उनके दादाजी ने बाद में उनके माता-पिता से उनको अपने साथ रखने और उनके भाई को अपने साथ डोंबिवली ले जाने के लिए कहा। इस प्रकार, तीन साल की उम्र में, रोहित कुछ समय के लिए अपने माता-पिता से अलग हो गया क्योंकि वह बोरीवली में रहते थे जबकि उनके माता-पिता वहां से लगभग 50 किलोमीटर दूर रहते थे।

भारतीय कप्तान ने कहा कि, “दादाजी ने कहा था, ‘रोहित को इधर छोड़ दे, और छोटे वाले को लेके जा अपने साथ’ (रोहित को हमारे पास छोड़ दो और छोटे भाई को अपने साथ ले जाओ)। इस तरह मैं बोरीवली में रहा जबकि मेरे माता-पिता और भाई डोंबिवली (50 किलोमीटर दूर) में रहे। लगभग 100 वर्ग फुट के घर में, हम आठ लोग रहते थे।”

यह भी पढ़ें: बाबर आजम का फैन हुआ टीम इंडिया का ये पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर!

close whatsapp