एक खिलाड़ी हुआ चोटिल, दूसरे को मिला सुनहरा मौका
ऐसा काफी बार देखने को मिला है कि एक खिलाड़ी जो उस समय काफी अच्छे फॉर्म में है वो चोटिल हो गया हो और उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को मौका मिला हो।
अद्यतन - जुलाई 26, 2023 1:13 अपराह्न
क्रिकेट में ऐसा काफी बार देखा गया है कोई खिलाड़ी चोटिल हो गया हो और टीम को उनकी जगह किसी दूसरे को मौका देना पड़ा हो। कभी-कभी दूसरे खिलाड़ी की किस्मत साथ दे जाती है।
ऐसा काफी बार देखने को मिला है कि एक खिलाड़ी जो उस समय काफी अच्छे फॉर्म में है वो चोटिल हो गया हो और उसकी जगह दूसरे खिलाड़ी को मौका मिला हो और उसने अपने दमदार प्रदर्शन से सभी का दिल जीत लिया। 1996 में जब भारत में इंग्लैंड का दौरा किया था तब संजय मांजरेकर फिटनेस टेस्ट को पास करने में असमर्थ रहे थे और उनकी जगह दूसरे टेस्ट मुकाबले में राहुल द्रविड़ को मौका मिला।
राहुल द्रविड़ ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया और पहली पारी में 95 रन जड़े। आज हम आपको बताते हैं ऐसे ही 5 घटनाओं के बारे में जब एक शानदार खिलाड़ी की जगह दूसरे युवा खिलाड़ी ने जगह ली और उन्होंने उस मुकाबले में अपनी छाप छोड़ी।
5- जस्टिन लैंगर की जगह माइकल हसी ने 2005 में वेस्टइंडीज के खिलाफ ही अपना टेस्ट डेब्यू
माइकल हसी उन शानदार खिलाड़ियों में से एक है जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए तीनों ही प्रारूपों में काफी अच्छी बल्लेबाजी की। टेस्ट क्रिकेट में माइकल हसी ने 79 मुकाबलों में ऑस्ट्रेलिया की ओर से 6235 रन बनाए जिसमें 19 शतक और 29 अर्धशतक मौजूद है।
उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2005 में अपना अंतरराष्ट्रीय टेस्ट डेब्यू किया था। उस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया के उस समय के रेगुलर सलामी बल्लेबाज जस्टिन लैंगर पहले टेस्ट मुकाबले में चोटिल हो गए थे और उनकी जगह माइकल हसी को ओपनर के रूप में खेलने का मौका मिला। हालांकि अपने डेब्यू मुकाबले में माइकल हसी अच्छी बल्लेबाजी करने में नाकाम रहे और उन्होंने पहली पारी में 1 रन और दूसरी पारी में 29 रन बनाए।
हालांकि टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच होबार्ट में खेला गया था जिसमें उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा। उनकी इस बल्लेबाजी की वजह से ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को 9 विकेट से मात दी। तीसरे टेस्ट मुकाबले में जस्टिन लैंगर ने वापसी की और माइकल हसी मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करने लगे। नंबर 5 पर खेलते हुए उन्होंने अपना दूसरा टेस्ट शतक जड़ा जिसकी वजह से ऑस्ट्रेलिया ने वेस्टइंडीज को क्लीनस्वीप किया। बता दें, हसी ने उस मैच में तीन टेस्ट मुकाबलों की 6 पारियों में 361 रन बनाए थे।