“दुर्भाग्य, तकनिकी मुद्दे..”: संजय मांजरेकर ने विराट कोहली की एक और निराशाजनक पारी के बाद दिया बड़ा बयान
क्या खराब दौर के चलते विराट कोहली आधुनिक युग के महान खिलाड़ी नहीं रहे?
अद्यतन - जुलाई 2, 2022 7:54 अपराह्न
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और क्रिकेट पंडित संजय मांजरेकर ने कहा विराट कोहली में इंग्लैंड के खिलाफ जारी पुनर्निर्धारित टेस्ट मैच के पहले दिन बल्लेबाजी करते हुए आत्मविश्वास की कमी नजर आ रही थी। विराट कोहली का लंबे समय से चला आ रहा खराब फॉर्म अभी भी जारी है, क्योंकि वह इंग्लैंड के खिलाफ जारी पुनर्निर्धारित टेस्ट मैच में टीम इंडिया की पहली पारी के दौरान केवल 11 रन बनाकर आउट हो गए।
विराट कोहली की एक और निराशाजनक पारी के बाद संजय मांजरेकर ने कहा पूर्व भारतीय कप्तान के खराब फॉर्म के पीछे उनका दुर्भाग्य भी एक भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कोहली की तकनीक इस समय सही नहीं है। आपको बता दें, मैथ्यू पॉट की गेंद कोहली के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर स्टंप्स को चकनाचूर कर गई और इस तरह दिग्गज बल्लेबाज महज 19 गेंदे खेलने के बाद पवेलियन लौटे।
क्या संजय मांजरेकर को विराट कोहली की महानता पर शक है?
संजय मांजरेकर ने सोनी स्पोर्ट्स पर कहा: “मैं एक विशेषज्ञ की नजर से केवल यह कह सकता हूं कि मुझे विराट कोहली में बल्लेबाजी करते हुए आत्मविश्वास की कमी नजर आई। मुझे लगता है कि उनके आत्मविश्वास के स्तर में थोड़ गिरावट आई है। विराट अपने दुर्भाग्य के कारण भी संघर्ष कर रहा है, विराट का भाग्य उनका साथ नहीं दें रहा है।
मुझे लगता है कि उनके साथ तकनीकी मुद्दे भी हैं। वह फ्रंट फुट पर बहुत खेल रहे हैं, लेकिन ऐसा इसलिए नहीं है कि वह रन नहीं बना रहे हैं, इन सबके बावजूद रन आ रहे हैं। सभी क्रिकेटरों की तकनीक परफेक्ट नहीं होती, लेकिन वे रन बनाते हैं। इसलिए तकनीकी मुद्दों पर भी ज्यादा दोष नहीं मढ़ा जा सकता है।”
उन्होंने आगे कहा: “विराट कोहली का लंबे समय से खराब फॉर्म में बने रहना मुझे हैरान कर रहा है, क्योंकि यह खराब दौर अचानक आया, और अब जाने का नाम नहीं ले रहा है। इतने बड़े दिग्गज को ऐसे करीब तीन सालों से संघर्ष करते देख आश्चर्य और दुख दोनों होता है। मेरा मानना है कि जब कोई महान बल्लेबाज खराब दौर से गुजर रहा होता है, तो वह फॉर्म में लौटने के लिए इतनी देर नहीं लगाता है। कोहली के संघर्ष को देखते हुए आपको कहना होगा कि हम नहीं जानते कि उनका खराब दौर कैसे और क्यों इतने लंबे समय तक चल रहा है।”