IND vs AUS: पूर्व भारतीय चयनकर्ता ने किशन और भरत में चुना बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में मेजबान टीम का मुख्य विकेटकीपर - क्रिकट्रैकर हिंदी

IND vs AUS: पूर्व भारतीय चयनकर्ता ने किशन और भरत में चुना बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में मेजबान टीम का मुख्य विकेटकीपर

एमएसके प्रसाद का मानना है कि किशन की जगह भरत को विकेटकीपर के रूप में प्लेइंग XI में शामिल किया जाना चाहिए।

KS Bharat, MSK Prasad and Ishan Kishan (Pic Source-Twitter)
KS Bharat, MSK Prasad and Ishan Kishan (Pic Source-Twitter)

पिछले साल दिसंबर महीने में ऋषभ पंत एक कार हादसे का शिकार हो गए थे। इस कार हादसे में उन्हें काफी चोट आई और उन्हें पूरी तरह से ठीक होने में अभी भी काफी समय लगेगा। 9 फरवरी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी खेली जानी है और इसी वजह से BCCI ने पंत की जगह विकेटकीपर के रूप में केएस भरत और इशान किशन को भारतीय टीम में शामिल किया है।

पिछले काफी समय से तमाम लोग इस चीज पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं कि इशान किशन और केएस भरत में किसको विकेटकीपर के रूप में प्लेइंग XI में शामिल किया जाना चाहिए। इसी डिबेट में अब भारत के पूर्व चयनकर्ता एमएसके प्रसाद भी शामिल हो चुके हैं। एमएसके प्रसाद का मानना है कि किशन की जगह भरत को विकेटकीपर के रूप में प्लेइंग XI में शामिल किया जाना चाहिए।

अभी तक भरत ने भारत के लिए किसी भी प्रारूप में अपना डेब्यू नहीं किया है वहीं किशन ने राष्ट्रीय टीम के लिए 13 वनडे और 27 टी-20 मुकाबले खेले हैं।

प्रसाद ने टेलीग्राफ को बताया कि, ‘केएस भरत का प्रदर्शन हमेशा से ही काफी अच्छा रहा है और जबसे उन्होंने इंडिया ए के लिए खेलना शुरू किया है तबसे वो भारतीय टीम के टेस्ट विकेटकीपर के रूप में अपनी जगह बना चुके हैं। लाल गेंद क्रिकेट में उनका प्रदर्शन हमेशा से ही काफी अच्छा रहा है। आगामी टेस्ट सीरीज में वो अपनी बारी आने का बेसब्री से इंतजार कर रहे होंगे। किशन के लिए मैं यही बोलूंगा कि उन्हें अभी और इंतजार करना पड़ेगा।’

केएल राहुल भारत के लिए टेस्ट प्रारूप में विकेटकीपिंग नहीं कर सकते: एमएसके प्रसाद

बता दें, भरत और किशन के अलावा केएल राहुल भी इस टीम में शामिल किए गए हैं। हालांकि पूर्व मुख्य चयनकर्ता प्रसाद का मानना है कि केएल राहुल को इस प्रारूप में भारत के लिए विकेटकीपिंग नहीं करनी चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि, ‘टेस्ट मुकाबलों में विकेटकीपर की मानसिकता काफी अलग होती है। टी-20 और वनडे की बात अलग है। आपको पूरे दिन या उससे ज्यादा विकेट के पीछे खड़े रहना पड़ता है। ऐसी परिस्थिति तभी आ सकती है अगर भरत अपने मौके को भुना नहीं पाता है तो। तब भारतीय टीम को और विकल्प सोचने होंगे।’

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