ईशांत शर्मा, मोहम्मद, जसप्रीत इस तीनों ने बिगाड़ा बल्लेबाजों का काम
अद्यतन - Jan 1, 2019 11:47 pm

भारतीय क्रिकेट के आक्रमण की बागडोर हमेशा स्पिनर्स ने ही थामी है। विश्व के बेहतरीन स्पिनर्स के लंबे इतिहास में सर्वाधिक नाम भारतीय स्पिनर्स के ही मिलेंगे। एक दौर ऐसा था जब बिशन सिंह बेदी, चंद्रशेखर, प्रसन्ना और वेंकटराघवन जैसे स्पिनर्स साथ में खेलते थे। वो तो उन्हें बैट्समैन का साथ नहीं मिला वरना तब भारतीय टीम का रिकॉर्ड और भी बेहतर होता। तेज गेंदबाज के नाम पर महज खानापूर्ति होती थी। कामचलाऊ गेंदबाजों से गेंद की चमक उतारने के लिए गेंदें फिंकवाई जाती थी ताकि स्पिनर्स के फेंकने लायक गेंद बन जाए।
कपिल देव सही मायनों में भारत के पहले ऐसे तेज गेंदबाज रहे जिनका लोहा पूरी दुनिया ने माना। इसके बाद से तेज और स्पिनर्स की जुगलबंदी चलती रही। पहली बार वर्तमान में ऐसा दौर आया है जब भारतीय टीम के स्पिनर्स पिछली सीट पर चले गए हैं और तेज गेंदबाज ड्राइविंग सीट पर हैं। यही कारण है कि हाल ही में भारतीय टीम ने कुछ टेस्ट मैच ऐसे खेले हैं जिसमें एक भी स्पिनर को शामिल नहीं किया।
2018 में मोहम्मद शमी, ईशांत शर्मा और जसप्रीत बुमराह ने अपनी तेज गेंदबाजी के जरिये विश्व क्रिकेट में परचम लहराया दिया। 2018 में भारतीय टीम ने अधिकांश मैच विदेशी धरती पर खेले जो कि तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल है, लिहाजा इसका पूरा फायदा तिकड़ी ने उठाया।
भारत की तेज़ गेंदबाज़ी यूनिट ने किया यह कमाल
इस तिकड़ी ने 2018 में 134 शिकार किए जो कि वर्ल्ड रिकॉर्ड है। इन तीनों ने जोएल गार्नर, माइकल होल्डिंग और मैल्कम मार्शल का 34 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा दिया है। इन तीनों ने 1984 में 130 विकेट अपने नाम किए थे, जबकि 2008 में मोर्ने मोर्कल, मखाया नतिनी और डेल स्टेन ने 123 शिकार किए थे। यह अपने आप में अद्ुभत रिकॉर्ड है और भारतीय तेज गेंदबाजी के दबदबे को जाहिर करता है।
2018 में डेब्यू करने वाले बुमराह ने नौ टेस्ट में 21.02 के औसत से 48 विकेट लिए। 2018 में मोहम्मद शमी 12 मैचों में 26.97 के औसत से 47 विकेट लिए। ईशांत शर्मा ने 2018 में 11 मैचों में 21.80 के औसत से 41 शिकार किए।
इन तीनों से ज्यादा विकेट कागिसो रबाडा (52), दिलरूवान परेरा (50) और नाथन लायन (49) ने लिए हैं। तीनों का प्रदर्शन गर्व करने लायक है। अब विदेशी भी भारतीय तेज गेंदबाजों का लोहा मानने लगी है।