Jhulan Goswami ने अपनी मां की अहम सलाह का खुलासा करते हुए अपने अधूरे सपने पर बात की - क्रिकट्रैकर हिंदी

Jhulan Goswami ने अपनी मां की अहम सलाह का खुलासा करते हुए अपने अधूरे सपने पर बात की

झूलन गोस्वामी ने सितंबर 2022 में लॉर्ड्स में अपने शानदार करियर को अलविदा कहा था।

Jhulan Goswami. (Image Source: Getty Images)
Jhulan Goswami. (Image Source: Getty Images)

महान भारतीय महिला क्रिकेटर Jhulan Goswami ने अपने करियर के दौरान अपनी मां से मिली बेहद अहम सलाह का खुलासा किया। आपको बता दें, झूलन गोस्वामी ने सितंबर 2022 में लॉर्ड्स में अपने शानदार करियर को अलविदा कहा था।

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने खुलासा किया है कि उनकी मां ने उन्हें व्यक्तिगत उपलब्धियां हासिल करने के अलावा देश की युवा क्रिकेटरों के लिए एक रोल मॉडल बनने की सलाह दी थी।

मेरी मां की सलाह मेरे दिमाग में घर कर गई थी: Jhulan Goswami

आपको बता दें, झूलन गोस्वामी महिला वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाज हैं। उन्होंने 204 ODI मैचों में 3.37 की बेहतरीन इकोनॉमी रेट से 255 विकेट लिए हैं। इसके अलावा, दाएं-हाथ की तेज गेंदबाज ने 68 T20I और 12 टेस्ट मैचों में क्रमशः 56 और 44 विकेट चटकाएं।

यहां पढ़िए: झूलन गोस्वामी ने बताया आखिर क्यों मजबूरी में उन्हें क्रिकेट से लेना पड़ा संन्यास

इस बीच, अंजुम चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर बातचीत के दौरान झूलन गोस्वामी से पूछा कि क्या उन्होंने कभी सोचा है कि वह कहां थीं, वर्तमान में कहां हैं और कहां जाना चाहती हैं। जिस पर पूर्व महिला दिग्ग्गज ने कहा: “ये वो चीजें हैं जिन पर हम एक ग्रुप के रूप में कई बार चर्चा करते हैं कि हमें महिला क्रिकेट को कहां ले जाने की जरूरत है। साल 2007 में आईसीसी अवार्ड्स के बाद मेरी मां ने मुझे एक बहुत ही अच्छी बात कही कि एक क्रिकेटर के रूप में आप जो भी चाहते हैं वह हासिल करें, लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि आप मैदान पर कुछ ऐसा करें कि एक या दो लड़कियां आपको देखकर क्रिकेट खेलना शुरू कर दें।”

मेरा वर्ल्ड कप जीतने का सपना अधूरा रह गया: Jhulan Goswami

दिग्गज क्रिकेटर ने आगे कहा, “मेरे मन में यही बात थी कि जब मैं क्रिकेट से संन्यास लुंगी, तो भारतीय क्रिकेट की अपनी एक पहचान हो और हमारे देश में लड़कियां पेशेवर तरीके से क्रिकेट खेलना शुरू करें। जब मैंने 1997 में खेलना शुरू किया था, तो मेरा सपना वर्ल्ड कप जीतना था, लेकिन दुर्भाग्य से मेरा वो सपना पूरा नहीं हुआ, लेकिन इसके अलावा मैंने जितना सोचा था, उससे कहीं अधिक पाया।”

यहां पढ़ें- क्रिकेट से जुड़ी आज की ताज़ा खबरें

close whatsapp