वीडियो: जब भारत का नंबर एक फुटबॉलर बना क्रिकेटर तो मैदान पर दिखा कुछ ऐसा नजारा
सुनील छेत्री ने एनसीए में युवा क्रिकेटरों के साथ कुछ वक्त बिताए।
अद्यतन - मई 9, 2022 7:47 अपराह्न
भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने हाल ही में बेंगलुरु में राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी का दौरा किया और वहां फील्डिंग अभ्यास में शामिल हुए। एनसीए वर्तमान में पूर्वोत्तर राज्यों के खिलाड़ियों को ध्यान में रखते हुए एक शिविर की मेजबानी कर रहा है। इस मौके पर छेत्री युवा क्रिकेटरों के साथ मिले और अकादमी में मौजूद सभी क्रिकेटरों के साथ एक राष्ट्रीय फुटबॉलर होने के अपने अनुभव को साझा किया।
माना जाता है कि छेत्री भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली के करीबी दोस्त हैं। दोनों कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान एक इंस्टाग्राम लाइव सत्र में बातचीत करते हुए दिखाई दिए थे। बातचीत के दौरान दोनों एथलीटों ने अपने बचपन की कई मनोरंजक यादें भी साझा कीं।
इस बीच बीसीसीआई (BCCI) के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने छेत्री का फील्डिंग करते हुए एक वीडियो को साझा किया। वीडियो साझा करते हुए बीसीसीआई ने कैप्शन में लिखा कि, “एनसीए के पड़ोसी, भारतीय फुटबॉल कप्तान और लीजेंड, सुनील छेत्री रविवार को यहां पहुंचे।” छेत्री के लिए फील्डिंग का अभ्यास करना काफी अच्छा रहा और बाद में उन्होंने फुटबॉल में अपनी अविश्वसनीय यात्रा का अनुभव युवा लड़कों के साथ साझा किया।
यहां देखिए सुनील क्षेत्री का वीडियो
🎥 NCA's Neighbour, Indian Football Captain and Legend, @chetrisunil11 dropping by on Sunday evening. 👏 👏
He had a delightful fielding competition and shared some learnings from his own incredible journey in Football with the boys from North East and Plate Teams. 👍 👍 pic.twitter.com/1O1Gx7F12K
— BCCI (@BCCI) May 9, 2022
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने पिछले महीने मिजोरम, मणिपुर, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के युवा क्रिकेटरों के लिए एनसीए कैंप की घोषणा की थी ताकि वो अपने क्रिकेट स्किल को और परपिक्व कर सकें। कैंप में खिलाड़ियों को हृषिकेश कानिटकर और साईराज बहुतुले जैसे प्रसिद्ध विशेषज्ञों के तहत ट्रेनिंग दिया जा रहा है। सभी खिलाड़ियों को एनसीए प्रमुख और भारत के अनुभवी वीवीएस लक्ष्मण के साथ भी बातचीत करने का मौका मिलेगा।
कैंप का आयोजन करने से पहले जय शाह ने कहा कि, “बीसीसीआई की यह पहल युवा और नए प्रतिभाओं को अपने कौशल को सुधारने और सभी प्रारूपों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का समान अवसर देगी। पूर्वोत्तर में खेलों की अपार संभावनाएं हैं और बोर्ड यह सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा कि हम देश के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को सामने लाने में सक्षम हैं।”