‘अगर उन्हें हमारे साथ खेलना है तो उनको हमारे देश आना होगा’ PCB के पूर्व चेयरमैन एहसान मनी ने भारत के साथ सीरीज को लेकर दिया बड़ा बयान
भारत और पाकिस्तान के बीच में साल 2012-13 से द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली गई है।
CricTracker जूनियर स्टाफ लेखिका
अद्यतन - मई 12, 2022 6:42 अपराह्न
वर्ल्ड क्रिकेट में हमेशा से भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले को लेकर एक अलग रोमांच देखने को मिला है। जिसमें दोनों ही टीम के खिलाड़ियों के ऊपर एक अलग तरह का दबाव मैच से पहले साफतौर पर देखने को मिलता है। लेकिन पिछले कई सालों से दोनों ही टीमों के बीच में भिड़ंत या तो आईसीसी इवेंट्स में देखने को मिलती या फिर एशिया कप में इसके अलावा दोनों ही टीमों के बीच में द्विपक्षीय सीरीज का आयोजन राजनीतिक कारणों के चलते नहीं हो पाता है।
वहीं इसी बीच पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन एहसान मनी ने अपने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) को भारत के साथ द्विपक्षीय सीरीज खेलने के लिए उनके पीछे नहीं भागना चाहिए। जिसमें PCB को अपने सम्मान के बारे में विचार करना चाहिए। इसी बयान में मनी ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सीरीज आयोजित करने को लेकर अधिक तवज्जो नहीं दी थी।
भारत को पाकिस्तान आकर खेलना चाहिए
PCB के पूर्व चेयरमैन एहसान मनी ने क्रिकेट पाकिस्तान को दिए अपने बयान में कहा कि, मैने पहले भी यह साफतौर पर कहा है कि यदि उन्हें हमारे साथ खेलना है, तो उनको पाकिस्तान आना पड़ेगा। मैने कभी किसी चीज को लेकर मना नहीं किया लेकिन उसी दौरान हमने अपने आत्मसम्मान को बचाए रखा। आखिर हमें क्यों भारत के पीछे भागना है, हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। जब वह यहां खेलने के लिए तैयार होंगे तभी हमें भी सीरीज के आयोजन को लेकर सोचना चाहिए।
दरअसल पिछली बार भारत और पाकिस्तान के बीच में द्विपक्षीय सीरीज का आयोजन साल 2012-13 में हुआ था, जिसमें पाकिस्तानी टीम मिस्बाह उल हक की कप्तानी में भारत में लिमिटेड ओवर सीरीज खेलने के लिए आई थी। वहीं भारत को लेकर बात की जाए तो उन्होंने साल 2005-06 में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में पाकिस्तान का दौरा किया था।
इसके अलावा भारतीय टीम ने साल 2008 में हुए एशिया कप में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था। लेकिन उसके बाद मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने पाकिस्तान के साथ किसी तरह के द्विपक्षीय सीरीज का आयोजन ना करने के फैसला किया।