ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड के बाद अब ICC ने जताई अफगानिस्तान में महिला क्रिकेट को लेकर चिंता
हाल में ही तालिबान के प्रवक्ता ने महिला क्रिकेट को लेकर दिया था हैरान करने बयान।
अद्यतन - सितम्बर 9, 2021 5:42 अपराह्न
तालिबान कब्जे के बाद से पूरे अफगानिस्तान देश को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर अब देश की क्रिकेट पर भी देखने को मिल रहा है। वहीं, हाल ही में तालिबान के एक प्रवक्ता ने बताया है कि उनके शासन में अब महिलाओं को क्रिकेट खेलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रवक्ता का कहना है कि कोई भी खेल, विशेष रूप से क्रिकेट जो मैदान पर रहते हुए महिलाओं के शरीर के हिस्से को दिखाता है, तालिबान उसका समर्थन नहीं करेगा।
तालिबान द्वारा लगाए गए प्रतिबंध को देखते हुए क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अफगानिस्तान के साथ खेले वाले एकलौते टेस्ट को रद्द करने की चेतावनी दी है। वहीं, अब ICC ने भी इस मामले में हस्तक्षेप किया है और इस पर चिंता जाहिर की है। आईसीसी के अधिकारी ने कहा कि इस फैसले से जो भी असर दुनियाभर की क्रिकेट पर पड़ेगा, उसकी चर्चा हम अगली बैठक में करेंगे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, ICC के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि, “ICC महिला क्रिकेट के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। अफगानिस्तान में सांस्कृतिक और धार्मिक चुनौतियों के बावजूद 2017 के बाद वहां की क्रिकेट में लगातार विकास देखने को मिला है। आईसीसी अभी बदलती हुई स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा है। इस फैसले का इस खेल के निरंतर विकास पर जो भी असर पड़ेगा, उस पर हम अगली बैठकर में चर्चा करेंगे।”
तालिबान के इस फैसले पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया भी ले सकती है सख्त कदम
अफगानिस्तान की टीम टी-20 वर्ल्ड कप के बाद नवंबर में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर एक टेस्ट मैच खेलने के लिए जाने वाली थी। लेकिन जब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को वहां की महिला क्रिकेट को लेकर ताजा स्थिति के बारे में पता चला तो ऑस्ट्रेलियाई बोर्ड ने कहा कि उनके पास होबार्ट में होने वाले टेस्ट मैच को रद्द करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने ICC को इस मामले की जिम्मेदारी लेने के लिए भी कहा।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने इससे पहले एक बयान में कहा कि “यदि हाल की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अफगानिस्तान में महिला क्रिकेट का समर्थन नहीं किया जाएगा इसकी पुष्टि की जाती है, तो क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के पास होबार्ट में खेले जाने वाले प्रस्तावित टेस्ट मैच के लिए अफगानिस्तान की मेजबानी नहीं करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होगा।”