बीबीएल 2018-19 में यह दिग्गज हुए फ्लॉप, देखिए टूर्नामेंट के फ्लॉप 11 खिलाड़ियों की टीम
अद्यतन - फरवरी 17, 2019 7:13 अपराह्न
बिग बैश लीग (बीबीएल) के आठवां संस्करण का समापन मैच बेहद धमाकेदार मैच से हुआ। इसमें मेलबर्न रेनेगेड्स 146 रनों का बचाव करते हुए चमत्कारिक ढंग से 13 रनों से मैच जीत लिया और खिताब पर कब्जा जमाया। मेलबर्न स्टार्स जो मैच में अधिकांश समय हावी रहे महत्वपूर्ण मौके पर असफल हो गए और यह मैच में निर्णायक साबित हुई।
हार्बर्ट हूरिकेंस जो इस सत्र में टूर्नामेंट की सबसे बेहतर टीम थी, सेमीफाइनल में मेलबोर्न स्टार्स के हाथों पराजित हुई। जो वर्तमान प्रारूप के लिए अधिक चिंताजनक है और अधिकारियों से प्लेऑफ प्रारूप के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। यह टूर्नामेंट कुछ लोगों के लिए जीवन बदलने वाला और यादगार साबित होगा, वहीं कुछ अन्य लोग इसे कुछ महीनों में भूलना चाहेंगे। आइए नजर डालते हैं टूर्नामेंट के फ्लॉप 11 खिलाड़ियों पर एक नजर…
जो डेनली (सिडनी सिक्सर्स) : जो डेनली ने टीम के लिए इस सत्र में 7 मैचों में 22.83 की औसत से 137 रन बनाए। इस दौरान वह टीम के लिए मात्र एक ही अर्धशतक लगा सके। टीम को इनसे टॉप ऑर्डर में धमाकेदार पारियों की उम्मीद थी लेकिन वह इसमे पूरी तरह असफल रहे।
निक मैडिसन (मेलबोर्न स्टार्स) : सिडनी सिक्सर्स से इसी सत्र में टीम में शामिल हुए निक मैडिसन को मेलबोर्न स्टार्स ने खुद को साबित करने के कई मौके दिए लेकिन वह हर बार असफल रहे। उन्होंने टीम की ओर से 11 मैच खेलते हुए 11.5 की औसत से मात्र 115 रन बनाए। पूरे टूर्नामेंट में उनका स्ट्राइक रेट 100 से कम रहा और वह एक भी शतक नहीं लगा सके।
जो रूट (सिडनी थंडर्स) : इंग्लैंड का यह धमाकेदार बल्लेबाज बिग बैश के इस सत्र में पूरी तरह फ्लॉप रहा। इंग्लैंड रवाना होने से पहले उन्होंने 7 मैचों में 15.51 के औसत से मात्र 93 रन बनाए। टूर्नामेंट में उनका सर्वोच्च स्कोर 26 रन रहा।
हिल्टन कार्टराइट (पर्थ स्कॉरचर्स) : हिल्टन कार्टराइट का नाम भी टूर्नामेंट के धमाकेदार बल्लेबाजों लिया जा रहा था। यह सत्र उनके लिए बेहद खराब रहा। वह टीम के लिए 11 मैचों में 18.11 की औसत से 163 रन ही बना सके।
जिमी पियरसन (ब्रिसबेन हिट) : जिमी पीरसन का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में खेले सभी विकेटकीपर बल्लेबाजों में सबसे अधिक कमजोर था। उन्होंने 14 मैचों में 24.71 की औसत से टीम के लिए 173 रन बनाए।
मिशेल मार्श (पर्थ स्कॉरचर्स) : पर्थ स्कॉरचर्स के कप्तान मिशेल मार्श के लिए भी बिग बैश का यह सत्र बेहद खराब रहा। उन्होंने 24.4 की औसत से खेलते हुए 7 मैचों में 122 रन बनाए। पूरे टूर्नामेंट में वह मात्र 2 ही छक्के लगा सके। गेंदबाजी में भी वह खासे महंगे साबित हुए। उन्होंने 6 ओवरों में 65 रन देते हुए मात्र 1 विकेट हासिल किया।
डेविड विली (पर्थ स्कॉरचर्स) : पिछले सत्र में जबरदस्त प्रदर्शन करने वाले डेविड विली इस सत्र में पर्थ की टीम के लिए कुछ खास नहीं कर सके। वह बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों के रूप में बुरी तरह फ्लॉप रहे। टूर्नामेंट के 7 मैचों में उन्होंने केवल 29 रन बनाए। जबकि गेंदबाजी करते हुए मात्र 2 विकेट ही हासिल कर सके।
मिशेल स्विपसन (ब्रिसबेन हिट) : ब्रिसबेन हिट को अपने फिरकी गेंदबाज मिशेल स्विपसन से काफी उम्मीदें थी लेकिन वह टीम के लिए उतने सफल नहीं रहे। उन्होंने 8.52 की इकॉनोमी से गेंदबाजी करते हुए 12 मैचों में 9 विकेट हासिल किए।
बेन लॉफलिन (एडिलैड स्ट्राइकर्स) : टी20 क्रिकेट के सबसे अनुभवी गेंदबाज माने जाने वाले बेन लॉफलिन से टीम को काफी उम्मीदें थी लेकिन 13 मैच खेलते हुए वह टीम के लिए मात्र 10 विकेट ही हासिल कर सके। उन्होंने टूर्नामेंट में 8.41 की इकोनॉमी से गेंदबाजी की।
क्लाइव रॉस (हार्बर्ट हूरिकेंस) : हार्बर्ट हूरिकेंस के लिए यह सत्र जबरदस्त रहा लेकिन फिरकी गेंदबाज क्लाइव रॉस की असफलता टीम को खासी महंगी पड़ी। उन्होंने 14 मैच खेलते हुए टीम के लिए मात्र 4 ही विकेट लिए।
गुरिंदर सिंधु (सिडनी थंडर्स) : सिडनी थंडर्स की तरह ही गुरिंदर सिंधु के लिए भी यह सत्र बेहद खराब रहा। इस टूर्नामेंट में उन्होंने 11 मैचों में 8 विकेट हासिल किए।