मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इंग्लैंड में हुए पुनर्निर्धारित टेस्ट मैच में छोटी गेंदों पर इतना संघर्ष करूंगा: श्रेयस अय्यर - क्रिकट्रैकर हिंदी

मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इंग्लैंड में हुए पुनर्निर्धारित टेस्ट मैच में छोटी गेंदों पर इतना संघर्ष करूंगा: श्रेयस अय्यर

चाहे टेस्ट प्रारूप हो या टी-20 प्रारूप श्रेयस अय्यर को हमेशा छोटी गेंदों पर परेशान होते हुए देखा गया है।

Shreyas Iyer (PHOTO Source: Twitter)
Shreyas Iyer (PHOTO Source: Twitter)

भारतीय टीम के बेहतरीन मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज श्रेयस अय्यर का प्रदर्शन 2022 में काफी सराहनीय रहा। उन्होंने काफी शानदार बल्लेबाजी की हालांकि छोटी गेंदों ने अय्यर को काफी परेशान किया। पिछले साल इंग्लैंड में हुए पुनर्निर्धारित 5वें टेस्ट में श्रेयस अय्यर को छोटी गेंदों में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।

बता दें, इस टेस्ट मैच की पहली पारी में श्रेयस अय्यर को दिग्गज तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन ने मात्र 15 रन पर आउट किया वहीं दूसरी पारी में मैथ्यू पॉट्स ने भारतीय बल्लेबाज को 19 रन पर आउट किया। चाहे टेस्ट प्रारूप हो या टी-20 प्रारूप श्रेयस अय्यर को हमेशा छोटी गेंदों पर परेशान होते हुए देखा गया है। इसी को लेकर भारतीय बल्लेबाज ने बड़ा बयान दिया।

मैं उनमें से हूं जो अपनी गलतियों से सीखते हैं: श्रेयस अय्यर

श्रेयस अय्यर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि, ‘ एजबेस्टन की पहली पारी की बात की जाए तो जेम्स एंडरसन ने कमाल की गेंद फेंकी थी। गिरने के बाद यह गेंद हवा में ही स्विंग हुई। उस गेंद पर कोई भी खिलाड़ी आउट हो जाता। दूसरी पारी में मैथ्यू पॉट्स ने की गेंद को मैंने खेलना चाहा। मैं उसे पुल लगाना चाह रहा था लेकिन आउट हो गया। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं संघर्ष करूंगा। जो आवाज बाहर से आ रही है उसके लिए मैं अपने कान बंद कर दूंगा और किसी से कुछ नहीं सुनूंगा और बोलूंगा भी नहीं।’

श्रेयस अय्यर ने आगे कहा कि, ‘मैंने अपने आप से कहा कि यह कोई दुनिया का अंत नहीं है। आपको कई मौके मिलेंगे। आपको यह भी सोचना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के बाहर भी आपको मौके मिलते हैं और आपको उसका भरपूर फायदा उठाना चाहिए। घरेलू क्रिकेट खेलने से आपको अपना अनुभव दूसरे खिलाड़ियों के साथ साझा करने में काफी अच्छा लगता है और आपको भी काफी चीजों के बारे में पता चलता है।

जब मैं टी-20 वर्ल्ड कप में अपनी जगह नहीं बना पाया तो मैंने यही सोचा कि अब अपने ऊपर काम करने की बेहद जरूरत है। उस समय मेरे दिमाग में यही चल रहा था कि मुंबई को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी जिताऊं और ऐसे ही आगे खेलते रहो और सीखते रहो। हां ICC इवेंट्स में ना खेलना बहुत बुरा लगता है लेकिन इन्हीं चीजों से आपको सीखना चाहिए।’

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